किसान आंदोलन को दिल्ली HC से राहत, धरने पर बैठे लोगों को हटाने की याचिका खारिज

किसान आंदोलन को दिल्ली HC से राहत, धरने पर बैठे लोगों को हटाने की याचिका खारिज
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दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में 'किसान आंदोलन ( Farmers Movement) की आड़ में बैठे लोगों' को हटाने और सभी सड़कों और सार्वजनिक स्थानों को खाली करने के निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया।

दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में 'किसान आंदोलन ( Farmers Movement) की आड़ में बैठे लोगों' को हटाने और सभी सड़कों और सार्वजनिक स्थानों को खाली करने के निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति डीएन पटेल (Yamurti DN Patel) और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह (Justice Jyoti Singh) की खंडपीठ ने मामले में याचिकाकर्ता पक्ष की ओर से कोई वकील पेश नहीं होने के बाद शुक्रवार को चूक के लिए याचिका को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने यह भी कहा कि पहले की तारीखों में भी इस मामले में कोई पेश नहीं हुआ था। हालांकि इस मामले में केंद्र की ओर से अधिवक्ता अमित महाजन पेश हुए। याचिका दिल्ली निवासी धनंजय जैन ने अधिवक्ता भूप सिंह के माध्यम से दायर की थी। जिन्होंने प्रतिवादियों को महत्वपूर्ण स्मारकों की रक्षा के लिए पर्याप्त अर्ध-सैन्य बल लगाने और दिल्ली के नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने और भावना को बहाल करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।

दिल्ली में रहने वाले याचिकाकर्ता ने कहा कि यहां रहता हू। 26 जनवरी 2021 को जब गणतंत्र दिवस (Republic Day) समारोह चल रहा था तब लालकिले समेत कई इलाकों में अभूतपूर्व हिंसक घटनाओं और अशोभनीय घटनाओं से स्तब्ध रह गया था। जिसके वजह से गंभीर और आकस्मिक स्थिति उत्पन्न हुई थी।

उन्होंने कहा कई दिनों से चल रहे किसान आंदोलन ( Farmers Movement) ने बहुत ही उग्र और हिंसक मोड़ ले लिया और किसान हथियारों, हॉकी स्टिक्स, तलवारों और अन्य हमले के हथियारों से लैस दिल्ली के अंदरूनी हिस्सों में पहुंचे थे। साथ ही गणतंत्र दिवस के उत्सव को बदनाम करने के लिए और शहर की राजधानी में शांति और कानून व्यवस्था और शांति भंग कर दी। प्रदर्शनकारियों (Protesters) और किसानों(Farmers ) ने राजधानी के पूरे जीवन को ठप कर दिया। इसने नागरिकों और विशेष रूप से दिल्ली में रहने वालों के बीच गंभीर चिंता और चिंता पैदा कर दी।"

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