दिल्ली हाइकोर्ट में कल बाबा रामदेव के खिलाफ याचिकाओं पर होगी सुनवाई, एलोपैथी को लेकर गलत सूचना देने का आरोप

योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के खिलाफ कल दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई होगी। क्योंकि उन्होंने हालि में एलोपैथी (Allopathy) को लेकर गलत बयानबाजी की थी जिसे लेकर डॉक्टरों के सात संगठनों (Seven Organizations Of Doctors) ने उनके खिलाफ याचिका (Petition) दायर की थी। इस मामले के खिलाफ जस्टिस सी हरि शंकर की पीठ करेगी। उन्होंने याचिका के संबंध में संगठनों के वकील से कथित गलत सूचना से संबंधित वीडियो को रिकॉर्ड करने के लिए कहा था। रामदेव पर आरोप है कि बड़े पैमाने पर जनता को गुमराह कर रहे थे और गलत तरीके से यह पेश कर रहे थे कि कोविड-19 संक्रमित से हुई कई लोगों मौत के लिए एलोपैथी जिम्मेदार थी और एलोपैथिक डॉक्टर मरीजों की मौत का कारण बन रहे थे।
याचिका में, डॉक्टरों के संगठनों ने बताया है कि योग गुरु न केवल एलोपैथिक इलाज बल्कि कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा और इसके असर के संबंध में आम जनता के मन में संदेह पैदा कर रहे थे। डॉक्टरों के संगठनों ने अपील की है कि कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका को देखते हुए जरूरी हो गया है कि रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ रामदेव के बयानों के सिलसिले में तीन जून को दिल्ली चिकित्सक संघ की याचिकाओं पर समन जारी किए थे।
याचिका में कहा गया है एक अत्यधिक प्रभावशाली व्यक्ति होने के नाते यह माना जाता है कि रामदेव के बयान का लाखों लोगों गलत असर पड़ सकता है और उन्हें एलोपैथिक इलाज से दूर कर सकते हैं, जो कि सरकार द्वारा भी देखभाल के मानक रूप के रूप में निर्धारित हैं। डॉक्टरों के संगठनों ने अपनी दलील में आरोप लगाया कि गलत टिप्पणी और कुछ नहीं बल्कि रामदेव द्वारा बेचे जा रहे उत्पादों की बिक्री को आगे बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन और मार्केटिंग रणनीति थी, जिसमें कोरोनिल भी शामिल है, जो कोरोना के लिए एक वैकल्पिक इलाज होने का दावा करती है।
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