दिल्ली हाईकोर्ट का सरकारी जमीन से बस्ती हटाने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट का सरकारी जमीन से बस्ती हटाने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार
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याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि अगर बस्ती के विस्तार पर रोक नहीं लगाई गई तो यह इलाका अगला धारावी बन जाएगा। मुंबई के धारावी को एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती माना जाता है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली में मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पीछे खाली पड़ी सरकारी जमीन पर कब्जा कर बसाई गई झुग्गी-बस्ती को हटाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता के मुताबिक, उक्त जमीन पर हाल में कब्जा बढ़ गया है।

उपरोक्त जमीन के पास रहने वाले, याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि अगर बस्ती के विस्तार पर रोक नहीं लगाई गई तो यह इलाका अगला धारावी बन जाएगा। मुंबई के धारावी को एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती माना जाता है।

वकील ने अदालत को बताया कि उसने जमीन के मालिक, रक्षा मंत्रालय समेत विभिन्न अधिकारियों को कई बार शिकायतें एवं प्रतिवेदन दिए लेकिन अतिक्रमण हटाने के लिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने कहा कि यह जमीन किसी गरीब या शोषित की नहीं है और याचिकाकर्ता से कहा कि या तो वह इस याचिका को वापस ले ले या अदालत के आदेश का सामना करे।

अदालत के मिजाज को भांप कर पेशे से वकील याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। पीठ ने कहा कि अनुमति दी जाती है। याचिका वापस लिए जाने से इसका निपटान किया जाता है।

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