दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों की लगाई फटकार, कहा- दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ सही तथ्य नहीं किए गए पेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों की लगाई फटकार, कहा- दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ सही तथ्य नहीं किए गए पेश
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दिल्ली के महानिदेशक (कारावास) को निर्देश दिया कि वह हलफनामा में कारण स्पष्ट करें कि क्यों एसआरबी को बताया गया कि मामला सामूहिक दुष्कर्म और डकैती के अपराध का है। हाईकोर्ट ने इस पर अधिकारियों को एसआरबी की अगली बैठक के नतीजों के साथ स्थिति रिपोर्ट 22 अक्टूबर को मामले की होने वाली अगली सुनवाई से पहले जमा करने का निर्देश दिया।

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने दुष्कर्म (Delhi Rape) के मामले में आरोपी के खिलाफ सबूत को लेकर जेल अधिकारियों (Jail Officials) की फटकार लगाई है। उन्होंने कहा कि वे हलफनामा दाखिल कर बताएं कि एक व्यक्ति की दोष सिद्धि को सामूहिक बलात्कार से अपराध में संशोधित किये जाने से संबंधित सही तथ्यों को सजा समीक्षा बोर्ड (SRB) के समक्ष क्यों नहीं रखा गया। दिल्ली के महानिदेशक को निर्देश दिया कि वह हलफनामा में कारण स्पष्ट करें कि क्यों एसआरबी को बताया गया कि मामला सामूहिक दुष्कर्म और डकैती के अपराध का है। हाईकोर्ट ने इस पर अधिकारियों को एसआरबी की अगली बैठक के नतीजों के साथ स्थिति रिपोर्ट 22 अक्टूबर को मामले की होने वाली अगली सुनवाई से पहले जमा करने का निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल को सामूहिक दुष्कर्म का दोषी ठहराया गया था लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने अपील में सामूहिक दुष्कर्म के अपराध में दोष सिद्धि को दुष्कर्म में तब्दील कर दिया। हालांकि, उसकी उम्र कैद की सजा बरकरार रखी। वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के आवेदन को बार-बार खारिज किया जा रहा है क्योंकि अधिकारियों द्वारा सही तथ्य नहीं रखे जा रहे हैं।

हाईकोर्ट के जज ने कहा कि यह देखते हुए कि एसआरबी के समक्ष पूर्ण और सही तथ्य नहीं प्रस्तुत किए गए, महानिदेशक (कारावास) को निर्देश दिया जाता है कि वह सुनिश्चित करें कि एसआरबी की अगली बैठक में याचिकाकर्ता का मामला प्रस्तुत किया जाए। निचली अदालत द्वारा दिए आदेश और अपील में इस अदालत द्वारा दिए गए आदेश भी प्रस्तुत करे जिसमें याचिकाकर्ता को केवल दोषी ठहराया गया था और यह तथ्य समिति के समक्ष रखे जाएं।

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