हाईकोर्ट ने कोरोना वारयस और टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार को कही ये बड़ी बात

हाईकोर्ट ने कोरोना वारयस और टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार को कही ये बड़ी बात
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दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि टीकों की खुराक की बर्बादी सही नहीं है। आप जिनका भी टीकाकरण कर सकते हैं, कृपया करें। हाईकोर्ट ने कहा कि खबरों के अनुसार, हर दिन छह फीसदी टीके बर्बाद हो रहे हैं और 10 करोड़ टीकों में से 44 लाख टीके बर्बाद हो चुके हैं। हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि महामारी कोई भेदभाव नहीं करती, इसलिए हर किसी के टीकाकरण की जरूरत है, इस समय युवाओं पर गहरा संकट है।

Delhi High Court दिल्ली में कोरोना की खराब होती स्थिति और कोरोना टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination Drive) का दिल्ली हाईकोर्ट ने (Highcourt) संज्ञान लिया है। साथ ही दिल्ली समेत देशभर में कोरोना वायरस के रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) से जवाब तलब किया है। इस दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि टीकों की खुराक की बर्बादी सही नहीं है। आप जिनका भी टीकाकरण कर सकते हैं, कृप्या करें। हाईकोर्ट ने कहा कि खबरों की मानें तो हर दिन छह फीसदी टीके बर्बाद हो रहे हैं और 10 करोड़ टीकों में से 44 लाख टीके बर्बाद हो चुके हैं। हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि महामारी कोई भेदभाव नहीं करती, इसलिए हर किसी के टीकाकरण की जरूरत है। इस समय युवाओं पर गहरा संकट है।

सभी अंतरिम आदेशों की अवधि 16 जुलाई तक बढ़ाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण लागू प्रतिबंधों के मद्देनजर अपने और जिला अदालतों के उन अंतरिम आदेशों की अवधि 16 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी, जिनकी अवधि 19 अप्रैल या उसके बाद समाप्त होने वाली थी। हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने स्वयं और जिला अदालतों को केवल अत्यावश्यक मामलों की ही सुनवाई करने को कहा है और दिल्ली में 19 अप्रैल की रात को लागू कर्फ्यू के कारण वकील एवं वादी उन अदालतों में पेश नहीं हो पाएंगे, जिनमें अंतरिम आदेश पारित किए गए हैं।

केंद्र और दिल्ली सरकार बताएं कि दिल्ली के अस्पतालों में कितने बेड हैं: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वे मंगलवार तक हलफनामे देकर कोविड-19 के मरीजों के लिए प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या बताएं। वर्तमान महामारी की दशा का जायजा लेते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के पहलू पर अत्यावश्यकता के आधार पर गौर किया जाये। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पिल्लै की पीठ ने कहा कि अपने हलफनामों में केंद्र एवं दिल्ली सरकार यह भी बतायेंगे कि अस्पतालों के कितने बेड़ों के साथ वेंटीलेटर एवं ऑक्सीजन की सुविधा है और कितने में ऐसी सुविधा नहीं है।

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