Delhi Imams Strike: दिल्ली में डॉक्टर्स के बाद इमामों का बकाया वेतन को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर धरना

दिल्ली में बकाये वेतन को लेकर सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर्स के बाद अब इमामों ने धरना देना शुरू कर दिया है। डॉक्टर्स के बकाये वेतन को लेकर दिल्ली सरकार और भाजपा शासित नगर निगम ने एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये थे। अब मस्जिदों में इमामों के वेतन को लेकर मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के प्रबंधन वाली मस्जिदों के इमामों को छह महीने का बकाया वेतन नहीं मिला। जिसकी मांग को लेकर बृहस्पतिवार को फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित मुख्यमंत्री आवास के पास धरना दिया।
225 इमामों और मुअज्जिनों समेत लगभग तीन सौ कर्मचारियों को मई से नहीं मिला वेतन
आल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड की मस्जिदों के 225 इमामों और मुअज्जिनों समेत लगभग तीन सौ कर्मचारियों को मई से वेतन नहीं मिला है। वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों ने तीन नवंबर को चेतावनी दी थी कि यदि उन्हें फरवरी से लंबित वेतन नहीं दिया गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। रशीदी ने कहा कि बोर्ड का अध्यक्ष और स्थायी मुख्य कार्यकारी अधिकारी न होने से वेतन की समस्या पैदा हुई।
इमामों के मासिक वेतन 18 हजार रुपये और मुअज्जिनों के मासिक वेतन 13 हजार रुपये
उन्होंने कहा कि हम इमामों के मासिक वेतन 18,000 रुपये और मुअज्जिनों के मासिक वेतन 13,000 रुपये की मांग कर रहे हैं जो पिछले छह महीने से नहीं दिए गए हैं। इसके अलावा हम बोर्ड के स्थायी सीईओ की नियुक्ति और अध्यक्ष के चुनाव की मांग कर रहे हैं। ओखला से विधायक और बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अमानतुल्ला खान का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से सात सदस्यीय बोर्ड का कोई अध्यक्ष नहीं है। मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में जाने के बाद अध्यक्ष के चुनाव के लिए पिछले महीने होने वाली दिल्ली वक्फ बोर्ड की बैठक 19 नवंबर तक के लिए टाल दी गई थी।
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