Delhi Fraud: दिल्ली में इंटरनेशनल धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़, इतने करोड़ की ठगी में दो गिरफ्तार, चीन में बना पूरा प्लान

Delhi International Fraud दिल्ली में इंटरनेशनल धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ (Busted) किया गया है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दो लोगों को गिरफ्तार (Two Arrested) किया है। जो लोगों से शराब और मसाला कारोबार के नाम पर 25 करोड़ रुपये की ठगी (Cheated 25 Crores ) कर चुके हैं। ये ठगी लोगों से ऑनलाइन निवेश (Online Investment) करने को लेकर करते थे। दोनों आरोपियों की पहचान नगाराजू करमांची (31) तथा कोंडाला सुभाष (31) के रूप में हुई है। इनके पास से 30 मोबाइल फोन, सात लैपटॉप, 50 सिम कार्ड, छह डेबिट कार्ड तथा अन्य चीजें बरामद की गयी हैं। पुलिस ने बताया कि करमांची चीनी नागरिक के निर्देशों के अनुसार काम करता था और कई फर्जी बैंक खातों का संचालन करता था। चीनी नागरिक लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करते थे और उन्होंने एक पीड़ित को आश्वस्त किया कि भारत का आर्थिक बाजार अच्छा नहीं है और अगर वह अपने पैसों पर बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं तो उन्हें शराब और मसालों के व्यवसाय में निवेश करना चाहिये।
भारतीय सिम कार्ड चीन में थे सक्रिय
पुलिस ने बताया कि इस रैकेट में इस्तेमाल होने वाले कई भारतीय सिम कार्डों चीन में सक्रिय हैं। इस संबंध में एक शिकायत मिली और शिकायतकर्ता ने बताया कि एक डेटिंग एप के माध्यम से उसकी मुलाकात कथित दक्षिण कोरियाई नागरिक सू येओन पार्क से हुयी और उसने निवेश पर भारी रिटर्न देने का वादा किया और शुरूआत में उसे पांच हजार रुपये के निवेश पर तीन से चार दिनों में 20 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दिया गया था। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे बेवसाइट पर आने तथा एक अकाउंट बनाने के लिये कहा गया। उन्होंने बताया कि जो पैसा उसने निवेश किया उसे आरोपियों ने गोल्डन मार्क टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड समेत चार अलग अलग कंपनियों में जमा किया।
चीनी नागरिक लोगों से ऐसे करते थे संपर्क
पुलिस उपायक्त (दक्षिण पश्चिम) आर पी मीणा ने बताया कि एक जुलाई को छापेमारी की गयी और सुभाष एवं करमांची को गिरफ्तार कर लिया गया। सुभाष गोल्डन मार्क प्राइवेट लिमिटेड एक निदेशक है। करमांची चीनी नागरिकों के संपर्क में था और एक बैंक खाते का संचालन करता था। दोनों को क्रमश: सिकंदराबाद एवं गुड़गांव से पकड़ा गया है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि जांच में इस बात का पता चला कि करमांडी ने दस अलग अलग कंपनियां बनाई थी। इनका बैंक खाता चीनी नागरिक इस्तेमाल कर रहा था। वह उनके संपर्क में था और अभी एक ऑनलाइन अल्पकालिक लोन कंपनी के डमी निदेशक के रूप में काम कर रहा था।
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