मनोज तिवारी ने कहा वर्ष 2022 दिल्ली वालों की सांसो पर रहा भारी

नई दिल्ली। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली में निरंतर बढ़ रहे प्रदूषण और पर्यावरण की बद से बदतर होती स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि बीता वर्ष 2022 दिल्ली के लोगों की सांसो पर भारी रहा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार प्रदूषण के सामने बोनी नजर आई तथा यमुना की सफाई पर अपने दायित्व का निर्वहन भी नहीं कर सकी जिसकी वजह से यमुना की हालत भी बद से बदतर होती जा रही है। उन्होंने कहा कि जितना पैसा अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार ने अन्य राज्यों में अपने चेहरे को चमकाने के लिए प्रचार पर खर्च किया उतना पैसा अगर प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए खर्चा होता तो शायद दिल्ली के लोगों की सांसे बोझिल ना होती और प्रदूषण की स्थिति भी नकेल के दायरे में होती लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल 2022 के अंत तक भी ऐसा नहीं कर सके।
ओछी राजनीति और दोषारोपण ही करते रहे केजरीवाल
सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि 2022 का वर्ष बीते 4 साल में सर्वाधिक प्रदूषित रहा और इस वर्ष यमुना की स्थिति भी पहले से बदहाल हुई और ऐसी स्थिति के लिए तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री चुने गए अरविंद केजरीवाल जिम्मेदार हैं क्योंकि बतौर मुख्यमंत्री ओछी राजनीति और दोषारोपण के खेल के अलावा दिल्ली के बेहतरी के लिए उन्होंने एक भी कारगर कदम नहीं उठाया दिल्ली की 2 करोड़ से अधिक जनसंख्या के लिए 15 हजार बसों की जरूरत थी लेकिन दिल्ली सरकार वहां भी कुछ नहीं कर सकी पहले से मौजूद अधिकतर गाड़ियां परिचालन की वैधता खो चुकी हैं और कबाड़ घर में खड़ी है।
सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था हुई बदतर
सांसद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष योजना फेम व फेम -2 के तहत दिल्ली को 300 इलेक्ट्रिक बसे दे भी चुके है लेकिन उसके आगे अरविंद केजरीवाल इकाई का एक अंक भी नहीं जोड़ सकें। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बदतर हुई तो दिल्ली सरकार पराली पर कोरी राजनीति ही करती नजर आई और उससे उठता धुआं लोगों के दम को घुटता रहा और उन्हें गंभीर बीमारियां देता रहा।
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