Delhi Mayor Election: 22 फरवरी को होगा दिल्ली मेयर चुनाव, CM केजरीवाल ने LG पर लगाया बड़ा आरोप

Delhi Mayor Election: दिल्ली मेयर का इंतजार खत्म होने वाला है। दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने मेयर चुनाव 22 फरवरी को कराने के लिए एलजी के पास प्रस्ताव भेजा है। एलजी ने सीएम के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। ऐसे में यह तय हो गया कि दिल्ली मेयर का चुनाव 22 फरवरी को होने वाला है। दिल्ली नगर निगम चुनाव में AAP की जीत के बाद मेयर चुनाव लगातार विवादों के घेरे में रहा है।
इसके लिए अब तक 3 प्रयास किए जा चुके हैं, लेकिन पार्षदों के बीच गहमागहमी के कारण चुनाव नहीं हो पाया। इसके बाद इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद इस मामले में शुक्रवार यानी 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। SC ने अपने फैसले में दिल्ली मेयर चुनाव के लिए 24 घंटे के भीतर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था। इसके अलावा SC ने आदेश दिया कि इस चुनाव में नामित सदस्य यानी एल्डरमैन वोट नहीं कर सकेंगे। SC के आदेशानुसार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी से 22 फरवरी को चुनाव कराने की सिफारिश की थी, जिसे एलजी ने मंजूरी दे दी है।
सीएम केजरीवाल ने दिल्ली एलजी पर लगाए ये आरोप
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के एलजी गैर संवैधानिक काम करते हैं। यह आरोप सीएम ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई मेयर चुनाव में सुनवाई के दौरान वकीलों की नियुक्ति के संबंध में लगाया है। बता दें कि आप की मेयर उम्मीदवार शैली ओबरॉय ने दिल्ली मेयर चुनाव जल्द कराने के सिलसिले सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी। SC में इसी याचिका की सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस और एलजी दोनों दो पक्ष में थे, लेकिन दोनों के वकील एक ही थे।
SHOCKING!
— AAP (@AamAadmiParty) February 18, 2023
Tushar Mehta Delhi Govt और LG, दोनों पार्टियों की तरफ से खड़े थे।
एक पार्टी की सच्चाई को कोर्ट में रखने से रोकने के लिए LG ने षड्यंत्र रचा।
वो जानते थे कि उन्होंने जो किया वो गैरकानूनी है, अगर SC में पोल खुल जाती तो वो मुंह दिखाने लायक नहीं रहते।
-CM @ArvindKejriwal pic.twitter.com/HHTVFr07ry
दोनों पक्षों के एक ही वकील होने के कारण सीएम ने एलजी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों पक्षों के वकील अलग होने चाहिए, लेकिन उपराज्यपाल ने कहा कि तुषार मेहता ही उनका भी केस लड़ेंगे और दिल्ली सरकार की तरफ से भी पेश होंगे। ऐसा कभी होता है क्या, कि किसी केस में दो पक्षों के एक ही वकील हों। इससे ऐसा लगता है एलजी दिल्ली में अपनी गुंडागर्दी चलाना चाह रहे हैं।
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