Delhi NCR Pollution Update: प्रदूषण के कारण 14 शहर 'डार्क जोन' में, नोएडा और गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता बेहद खराब

Delhi NCR Pollution Update: प्रदूषण के कारण 14 शहर डार्क जोन में, नोएडा और गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता बेहद खराब
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Delhi NCR Pollution Update: यूपी सरकार ने कहा कि एनसीआर के बड़े शहर मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, बुलंदशहर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर 9-10 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर-1 दिसंबर की मध्यरात्रि तक रोक है।

(Delhi NCR Pollution Update) दिल्ली में प्रदूषण का कहर लोगों पर पहाड़ बनकर टूट रहा है। दिल्ली-एनसीआर के लोगों पर प्रदूषण के कारण गंभीर बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। वहीं दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मंगलवार को भी वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी रही। हवा में प्रदूषण की मात्रा अधिक होने की वजह से दिन में भी अंधेरा छाया हुआ है। इस प्रकार एनसीआर के 14 शहर 'डार्क जोन' या खतरनाक श्रेणी में हैं। उधर, यूपी सरकार ने कहा कि एनसीआर के बड़े शहर मुजफ्फरनगर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, मुरादाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बागपत, बुलंदशहर में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर 9-10 नवंबर की मध्यरात्रि से 30 नवंबर-1 दिसंबर की मध्यरात्रि तक रोक है।

प्रमुख शहरों में नोएडा सबसे ज्यादा प्रदूषित

प्रदूषण सूचकांक ऐप समीर के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के प्रमुख शहरों में नोएडा मंगलवार को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर रहा। यहां पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 492 दर्ज किया गया। ऐप के मुताबिक इसी प्रकार दिल्ली का एक्यूआई 487, गाजियादबाद का 474, आगरा का 445, हापुड़ का 402, फरीदाबाद का 476, गुरुग्राम का 466, बहादुरगढ़ का 443 और भिवानी का एक्यूआई 479 दर्ज किया गया। इसके अलावा मुरथल में 414, रोहतक में 478 और बागपत में एक्यूआई 481 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 14 शहर डार्क जोन व खतरनाक स्थिति में हैं।

प्रदूषण नियमों के उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई

क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण का मुख्य कारण महंगी डीजल गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, निर्माण गतिविधियों और सड़कों पर से उड़ने वाली धूल है, जबकि पड़ोसी राज्यों में जलाई जा रही पराली भी इसका एक मूल कारण है। उन्होंने बताया कि नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार को एनजीटी के नियमों के उल्लंघन और प्रदूषण फैलाने पर अलग-अलग एजेंसियों पर 29 लाख आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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