Delhi News: फिलहाल आश्रम अंडरपास में राहगीरों को ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ेगा, सत्येंद्र जैन ने बताई कब मिलेगी राहत

Delhi News: फिलहाल आश्रम अंडरपास में राहगीरों को ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ेगा, सत्येंद्र जैन ने बताई कब मिलेगी राहत
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जैन ने कहा कि आश्रम अंडरपास के निर्माण में कुछ समस्या सामने आई है क्योंकि अंडरपास के एक रैंप के निर्माण स्थल पर भारी बिजली के तार निकल आए हैं। हम इन केबलों को शिफ्ट कर रहे हैं। जिसमें करीब एक महीने का समय लगेगा और उसके बाद यह रैंप बन जाएगा। मैं यह बताना चाहता हूं कि अंडरपास के संपूर्ण निर्माण का काम दो महीने में पूरा हो जाएगा।

दिल्ली में आश्रम अंडरपास (Ashram Underpass) का निर्माण कार्य में थोड़ा और समय लग सकता है। यहां से गुजरने वाले राहगीरों को इंतजार करना होगा। यहां पर आश्रम निर्माणाधीन अंडरपास के रास्ते में कुछ भारी बिजली के तारों के कारण देरी हो रही है। आश्रम चौक मध्य और दक्षिणी दिल्ली को नोएडा तथा फरीदाबाद जैसे शहरों से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह जंक्शन मथुरा रोड और रिंग रोड (Ring Road) को जोड़ता है। इस परियोजना का काम पूरा हो जाने के बाद व्यस्त आश्रम क्रॉसिंग से होकर जाने वाले यात्रियों को आसानी होगी तथा आईटीओ से सरिता विहार, बदरपुर और फरीदाबाद की ओर जाने में भी काफी आसानी होगी। इस बारे में लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री सत्येन्द्र जैन (Satyendar Jain) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

इस अंडरपास से रोजाना गुजरती है 3-4 लाख गाड़ियां

पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना के पूरा होने की संशोधित समय सीमा अब 30 नवंबर है। पहले यह परियोजना इस साल सितंबर में पूरी होनी थी। यातायात पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक लगभग ढाई से तीन लाख वाहन प्रतिदिन व्यस्त समय के दौरान आश्रम चौराहे से होकर गुजरते हैं। यह चौथी बार है जब परियोजना की समय सीमा को आगे बढ़ाया गया है।

सत्येंद्र जैन ने दी जानकारी

जैन ने कहा कि आश्रम अंडरपास के निर्माण में कुछ समस्या सामने आई है क्योंकि अंडरपास के एक रैंप के निर्माण स्थल पर भारी बिजली के तार निकल आए हैं। हम इन केबलों को शिफ्ट कर रहे हैं जिसमें करीब एक महीने का समय लगेगा और उसके बाद यह रैंप बन जाएगा। मैं यह बताना चाहता हूं कि अंडरपास के संपूर्ण निर्माण का काम दो महीने में पूरा हो जाएगा। आपको बता दें कि इस परियोजना की आधारशिला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 24 दिसंबर, 2019 को रखी थी। परियोजना की अनुमानित लागत करीब 78 करोड़ रुपये है।

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