एफआरआरओ से ईरानी नागरिकों का डाटा मांग रही है दिल्ली पुलिस

दिल्ली पुलिस ने फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) से पिछले एक माह से दिल्ली में ईरान से आने-जाने वाले ईरानी नागरिकों के बारे में जानकारी मांगी है। साथ ही उन लोगों का डाटा भी मांगा है जोकि पिछले कई वर्षों से भारत में रहते है या फिर भारत में आते-जाते हैं। टीम का सभी एंगलों के अलावा ईरानी कनेक्शन पर ज्यादा ध्यान है।
इसके संकेत हैं कि धमाके के पीछे तेहरान का हाथ हो सकता है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस आसपास के होटले से टूरिस्ट के बारे में भी जानकारी जुटा रही है। पुलिस दर्जनभर लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
वहीं रविवार को भी जांच एजेंसियों ने एक बार फिर क्राइम सीन पर जाकर जांच की। टीम को आशंका है कि धमाके में बॉल बेयरिंग के साथ ही एनर्जी ड्रिंक का भी इस्तेमाल किया गया है। पुलिस को मौके से कैन के कुछ टुकड़े भी मिले हैं।
पुलिस ने टुकड़ों को कब्जे में लेकर जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा दिया है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त धमाका हुआ था तब तक इजरायल दूतावास के सभी लोग जा चुके थे। धमाका जबरदस्त प्रेशर के साथ किया गया था।
इसलिए सड़क के दूसरी तरफ के कार के शीशे भी टूट गए थे। वहीं एजेंसियां ब्लास्ट से ढाई घंटे के दौरान आसपास मौजूद लोगों के बारे में जानकारी निकाल रही है। बता दे कि गत 29 जनवरी की शाम 5 बजे ऐंबेसी के बाहर धमाका हुआ था। इससे वहां खड़े तीन कारों को नुकसान पहुंचा था। विस्फोट के दो घंटे के अंदर करीब 70 लोग डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड की ओर से गुजरे थे।
124 लोग साउथ दिल्ली से एंबेसी की ओर आए थे। पुलिस को शक है कि इन्हीं लोगों में से किसी ने आईईडी फिट किया होगा। वहीं सूत्रों का कहना है कि धमाके की पूरी जांच एनआईए के हवाले की जा सकती है। अभी तक इजराइल दूतावास के पास धमाके की साजिशों के तार बाहरी के इशारे पर लोकल से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं।
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