दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने हाईकोर्ट में दी सफाई, बदले की भावना से सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ चलाया जा रहा अभियान, जानें क्या है मामला

दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना (Delhi Police Commissioner Rakesh Asthana) की निक्युति को लेकर दायर याचिका (Petition) पर हाईकोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई चल रही है। इस दौरान अस्थाना ने हाईकोर्ट में कहा है कि सोशल मीडिया (Social Media) पर उनके खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है और दिल्ली पुलिस आयुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति को चुनौती देना कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इसके पीछे बदले की भावना है। नियुक्ति के खिलाफ एक जनहित याचिका पर दायर अपने हलफनामे में अस्थाना ने कहा कि जब से उन्हें सीबीआई का विशेष निदेशक नियुक्त किया गया है, तब से कुछ संगठन उन्हें निशाना बनाकर उनके खिलाफ याचिका दायर कर रहे हैं।
इसमें अस्थाना ने आगे कहा कि कुछ संगठनों के व्यक्तियों ने हाल के दिनों में बदला लेने के लिए मेरे खिलाफ चुनिंदा कार्रवाई शुरू कर दी है। यह हलफनामा, वकील सादरे आलम की जनहित याचिका के जवाब में दाखिल किया गया। याचिका में मांग की गई है कि अस्थाना को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाने का गृह मंत्रालय का 27 जुलाई का आदेश रद्द किया जाए। इसके अलावा, 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक पहले उन्हें अंतर-काडर प्रतिनियुक्ति देने के साथ-साथ सेवा विस्तार देने का आदेश भी रद्द किया जाए।
अस्थाना ने कहा कि उनकी नियुक्ति के गुण-दोष के बारे में केवल केंद्र सरकार ही विचार कर सकती है। आपको बता दें कि केंद्र ने कहा था कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था से जुड़ी विविध चुनौतियों के मद्देनजर अस्थाना की नियुक्ति जनहित में की गई है। केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि दिल्ली कमिश्नर के रूप में अस्थाना की नियुक्ति में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है और उनकी नियुक्ति सभी नियम-कायदों को ध्यान में रखकर की गई है।
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