Delhi Police : प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले दिल्ली पुलिस कमिश्नर, दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई, 25 से ज्यादा केस दर्ज, यहां पढ़ें पूरी PC की वार्ता

दिल्ली में हुई हिंसा के बाद बुधवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस.एन श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। दिल्ली पुलिस कमीश्नर ने कहा कि किसान नेताओं के भड़काउ भाषण ने भीड़ को उकसाने का काम किया। 2 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की जानकारी मिलने के बाद 5 बार किसान नेताओं से बात हुई।
मीडिया से बातचीत के बाद उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं के साथ 5 दौर की बातचीत हुई थी। हमने उनसे कहा था कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च न करें पर वो नहीं माने। उसके बाद किसान नेताओं ने 25 जनवरी की रात असामाजिक तत्वों को आगे कर दिया। उन्होंने हमारे साथ विश्वासघात किया है।
#WATCH live: Delhi Police addresses the media regarding the violence during farmers' tractor rally yesterday. https://t.co/vzt5Umpt4q
— ANI (@ANI) January 27, 2021
दिल्ली पुलिस ने कहा कि लोगों की सुरक्षा के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया था कि कुछ नियम और शर्तों के साथ रैली को लागू किया गया था। उन्हें लिखित रूप में दिया गया था।
आगे कहा कि रैली दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक होनी थी। इसका नेतृत्व किसान नेताओं का समूहों को करना चाहिए था। लिखित में कहा गया था कि 5 हजार से अधिक ट्रैक्टर रैली में नहीं होने चाहिए और उनके पास कोई हथियार नहीं होने चाहिए। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि 25 जनवरी की देर शाम तक किसान अपनी बात नहीं रख रहे थे। लेकिन इसके बाद आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लाए। जिन्होंने मंच पर कब्जा कर लिया और भड़काऊ भाषण दिए। जिससे उनके इरादे स्पष्ट हो गए।
उन्होंने आगे कहा कि हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। कई अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं। उनमें से कुछ आईसीयू वार्डों में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 25 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं। 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। कमिश्नर ने कहा कि किसान संगठनों ने वादा तोड़ा। तय समय से पहले रैली निकाली। किसान नेताओं ने किसानों को भड़काया और उपद्रवियों को रैली में आगे कर दिया। पुलिस के पास सभी विकल्प थे। लेकिन पुलिस ने संयम का रास्ता चुना। हम नहीं चाहते थे कि किसी की जान जाए। हम चाहते थे कि रैली शांतिपूर्ण हो लेकिन किसान नेता अपनी बात से मुकर गये। किसान नेता सतनाम सिंह पन्नु ने भड़काऊ भाषण दिया। दर्शनपाल सिंह ने रूट फॉलो नहीं किया। उन्होंने किसानों को भड़काया।
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