Wrestlers से बदसलूकी के बाद पुलिस अलर्ट मोड पर, सीमाओं पर बढ़ी चौकसी

Wrestlers से बदसलूकी के बाद पुलिस अलर्ट मोड पर, सीमाओं पर बढ़ी चौकसी
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रेसलर्स बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने झड़प के बाद पहलवानों से दिल्ली पहुंचने की अपील की थी। इसके बाद पहलवानों के समर्थन में किसान और खाप पंचायत (Khap Panchayat) जंतर-मंतर पहुंचने के लिए निकल पड़े हैं। इसी को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने निगरानी बढ़ी दी है।

जंतर-मंतर (Jantar-Mantar) पर पहलवानों का धरना बीते 12 दिनों से जारी है। वहीं, पुलिस और पहलवानों (Wrestlers) के बीच बीते बुधवार को झड़प हो गई थी, जिसमें कुछ रेस्लर्स को गंभीर चोटें भी आई थी। बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने झड़प के बाद पहलवानों से दिल्ली पहुंचने की अपील की थी। इसके बाद पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायतों (Khap Panchayat) ने जंतर-मंतर पहुंचने के लिए मंथन शुरू कर दिया है। वहीं कई किसान नेता दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। इसी को देखते हुए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर लिए है। पुलिस ने जगह-जगहों पर बैरिकेडिंग करके वाहनों की तलाशी लेना शुरू कर दिया है।

दिल्ली पुलिस सीमावर्ती इलाकों में अलर्ट पर

दिल्ली में पहलवानों के धरने को देखते हुए सभी जिलों के डीसीपी को अपने जिलों में, खासतौर पर दिल्ली की सीमा से सटे इलाकों में अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है। मध्य दिल्ली की तरफ से जाने वाली सड़कों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए कई जगहों पर बेरिकेड्स लगा दिए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को कुछ ऐसे इनपुट मिले हैं कि जंतर-मंतर पर भारी मात्रा में लोग पहुंच सकते हैं क्योंकि वहां पर रेस्लर्स (Wrestlers) धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने धरने में शामिल होने आ रहे किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ समेत 15 लोगों को हिरासत में ले लिया है।

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दिल्ली में वाहन रोका गया- गीता फोगाट

गीता फोगाट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने मेरी गाड़ी को रोक दिया। वे मुझे दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। इसमें मेरा क्या कसूर है। मुझे दिल्ली में एक डॉक्टर से मिलना है, कृपया मुझे जाने दें। पूरी देश दिल्ली पुलिस के नाटक को देख रहा है। ये लोग कागजात की मांग कर रहे हैं। हम लोग कोई अपराधी नहीं हैं। इस देश में कानून अंधा हो रहा है।

किसान आंदोलन से बड़े आंदोलन की चेतावनी

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली से सटी कई छोटी-बड़ी सीमाओं को सील कर दिया गया था और कई मार्गों पर आवाजाही सीमित कर दी गई है। यह आंदोलन तकरीबन 378 दिनों तक चला था। इसके बाद दिल्ली के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। डीटीसी व कलस्टर बसों के रूट में परिवर्तन कर दिया गया था। दिल्ली के लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल भी चलना पड़ा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी स्थिति दोबारा देखने को मिल सकती है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि पहलवानों का प्रदर्शन किसान आंदोलन से भी बड़ा होगा। यहां क्लिक कर पढ़िये विस्तृत खबर...

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