Air Pollution से बेहाल हुए दिल्लीवासी, 'बेहद खराब' श्रेणी में पंहुची वायु गुणवत्ता, अगले दो दिनों तक रहेगा ऐसा हाल

Air Pollution से बेहाल हुए दिल्लीवासी, बेहद खराब श्रेणी में पंहुची वायु गुणवत्ता, अगले दो दिनों तक रहेगा ऐसा हाल
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सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (System of Air Quality and Weather Forecasting and Research) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Air Quality) गुरुवार को 360 पर समग्र एक्यूआई के साथ 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है।

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (System of Air Quality and Weather Forecasting and Research) के अनुसार, दिल्ली की वायु गुणवत्ता (Air Quality) गुरुवार को 360 पर समग्र एक्यूआई के साथ 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक्यूआई (AQI ) पूर्वानुमान एजेंसी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी और उसके पड़ोसी शहरों में हवा की गुणवत्ता अगले दो दिनों में बहुत खराब हो सकती है।

इससे पहले बुधवार को वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया था। क्योंकि हवा की दिशा पराली से संबंधित प्रदूषकों के परिवहन के लिए अनुकूल थी। दिल्ली में रविवार तक तीन दिनों तक लगातार हवा की गुणवत्ता 'गंभीर' दर्ज की गई, क्योंकि दिवाली पर पटाखों से निकलने वाले उत्सर्जन और प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के बीच फसल अवशेष जलाने के कारण कम तापमान, हवा की गति और मिश्रण की ऊंचाई थी।

हालांकि, इस सीजन में सबसे ज्यादा 5,450 खेत में आग लगाने की घटना पड़ोसी राज्यों में दर्ज की गई, दिल्ली के वायु प्रदूषण में उनकी हिस्सेदारी एक दिन पहले 48 प्रतिशत से कम हो गई, जो तीन साल में सबसे अधिक थी, सोमवार को गिरावट के कारण 30 प्रतिशत हो गई। वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी SAFAR के अनुसार, परिवहन-स्तर की हवा की गति शून्य से 50 के बीच अच्छी मानी जाती है।

वही एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच माना जाता है, वही एक्यूआई 101 और 200 के बीच संतोषजनक माना जाता है। वही 301 और 400 के बीच को 'खराब' माना जाता है। तो वही 401-500 के बीच 'बहुत खराब' और खतरनाक माना जाता है। पिछले साल दिल्ली के प्रदूषण (Delhi Pollution) में पराली जलाने की हिस्सेदारी 5 नवंबर को 42 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। और 2019 में 1 नवंबर को दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में फसल अवशेष जलाने का हिस्सा 44 प्रतिशत था।

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