Delhi Pollution: दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज, आनंद विहार का AQI बेहद खराब

(Delhi Pollution) दिल्ली में सर्दी से लोगों का ठिठुरना जारी है। साथ ही बढ़ती ठंड के कारण प्रदूशष का स्तर भी बढ़ रहा है। राजधानी में प्रदूषण के कारण सुबह धुंध की चादर बिछी रही। जिससे आने जाने वाले लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा। वहीं दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से दृश्यता (विज़िबिलिटी) कम हो गई है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा सड़कों और पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। कुछ ऐसी ही तस्वीरें दिल्ली के गाज़ीपुर, मयूर विहार, आनंद विहार से आई। DPCC के अनुसार आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 412 गंभीर
श्रेणी में है। वहीं दोपहर तक और ज्यादा दिल्ली की हवा खराब होने का आशंका जताई जा रही है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, दिल्ली में सुबह का न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है जो आम दिनों के मुकाबले काफी कम था। वहीं अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई जा रही है।
#दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने से दृश्यता (विज़िबिलिटी) कम हो गई है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा सड़कों और पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। (तस्वीरें गाज़ीपुर, मयूर विहार,आनंद विहार से)
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2020
DPCC के अनुसार आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) 412 ( गंभीर) श्रेणी में है। pic.twitter.com/l0Q0NCdlnb
आपके जानकारी के लिए बता दे कि शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'अत्यंत खराब' और 401 से 500 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। फसल की कटाई का सीजन खत्म होने के साथ दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी भी कम हो गई है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली 'सफर' के मुताबिक दिल्ली के पीएम-2.5 स्तर में पराली जलाने की हिस्सेदारी छह प्रतिशत रही, शनिवार को यह चार प्रतिशत थी, शुक्रवार को दो प्रतिशत और बृहस्पतिवार को एक प्रतिशत थी।
दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि शहर का वेंटिलेशन इंडेक्स (वायु संचार सूचकांक) सोमवार को 2,500 वर्गमीटर प्रति सेकेंड और मंगलवार को 2,000 वर्गमीटर प्रति सेकेंड रहने का अनुमान है। वायु संचार सूचकांक 6,000 वर्गमीटर प्रति सेकेंड से कम और वायु की औसत गति दस किमी प्रति घंटे से कम रहने से प्रदूषक तत्वों के छितराव के लिए प्रतिकूल स्थितियां होती हैं।
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