Delhi Pollution: दिल्ली में इस साल ज्यादा दिखेगा पराली जलाने का असर, सरकार ने की संयुक्त कार्य योजना की मांग

Delhi Pollution दिल्ली में सर्दियों (Winter) शुरू होते ही पड़ोसी राज्यों द्वारा पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसकी शुरुआत सितंबर के महीने से देखने को मिल जाती है। इसलिए अंदेशा लगाया जा रहा है कि दिल्ली सरकार ने समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाती तो इस बार पराली (Stubble Burning) से पर्यावरण सहित लोगों को काफी परेशानी हो सकती है। एक्सपर्ट के अनुसार इस बार आशंका दिखाई दे रही है कि पराली का धुंआ दिल्ली को काफी ज्यादा दिक्कत कर सकता है। हालांकि पराली सीजन के करीब आते ही इसे लेकर तैयारियों और मीटिंग आदि का दौर शुरू हो गया है।
इस बीच, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Environment Minister Gopal Rai) ने सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण (Delhi Pollution) के उच्च स्तर से निपटने के लिए दिल्ली और पड़ोसी राज्यों को मिलकर संयुक्त कार्य योजना बनाने की मांग मंगलवार को की। राय ने कहा कि दिल्ली सर्दियों की कार्य योजना' पर अगले सप्ताह से काम शुरू कर देगी। वहीं दूसरी तरफ, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 20 सितंबर से पराली की निगरानी शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही राज्यों से रिपोर्ट भी मांगी है कि पराली को जलने से रोकने के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। इस बीच, दिल्ली को प्रदूषण से बचाने के लिए कनॉट प्लेस के बाद आनंन विहार में स्मॉग टावर लगाए गए है।
वायु गुणवत्ता खराब होने से रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों को दी गई सलाह
उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से मांग की कि वे वायु गुणवत्ता खराब होने से रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी द्वारा पिछले साल उठाए गए कदमों को लागू करें। मंत्री ने कहा कि पिछले साल हमने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू किया। प्रदूषण के खिलाफ कोशिशों की निगरानी और समन्वय के लिए 'ग्रीन वार रूम' बनाया। हमने धूल रोधी अभियान शुरू किया जिसे अन्य राज्यों के एनसीआर में दोहराया जा सकता है।
दिल्ली सरकार केंद्र से कर सकती है चर्चा
गोपाल राय ने कहा कि प्रतिनिधियों का एक समूह केंद्रीय पर्यावरण मंत्री और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर केंद्रीय आयोग से मुलाकात करेगा और संयुक्त कार्ययोजना पर चर्चा करेगा जिसे दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम आयोग और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की समस्या और दिल्ली सरकार द्वारा इसके समाधान के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली ने पूसा जैव अपघटक का प्रयोग पराली को सड़ाकर खाद बनाने में किया गया और उसके अच्छे नतीजे सामने आए हैं। राय ने कहा कि पूसा जैव अपघटक का उत्पादन बढ़ाकर इनका पड़ोसी राज्यों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS