Delhi Pollution: दिल्ली में प्रदूषण से बिछी धुंध की चादर, AQI गंभीर श्रेणी में दर्ज

(Delhi Pollution) दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने की वजह से पूरी राजधानी धुंध की चादर में नजर आई। ऐसी ही कुछ तस्वीर निज़ामुद्दीन और आईटीओ से सामने आई जहां विजिबिलिटी बेहद कम थी। जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से सुबह सैर करने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। सुबह सैर करने आए एक व्यक्ति ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है और गले में भी दर्द हो रहा है।
#WATCH दिल्ली: प्रदूषण बढ़ने की वजह से राजधानी दिल्ली में दृश्यता (विज़िबिलिटी) कम हुई। (दृश्य निज़ामुद्दीन, ITO से)
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 8, 2020
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार ITO में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 353 ('बहुत ही खराब' श्रेणी ) पर है। pic.twitter.com/bD6tYoyNR6
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार ITO में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 353 ('बहुत ही खराब' श्रेणी) पर है। दिल्ली-एनसीआर प्रदूषण को देखते हुये सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने केंद्र से कहा कि आप सुनिश्चित करें कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण न हो। वहीं दिल्ली से सटे पड़ोसी राज्यों द्वारा पराली जलाने के कारण दिल्ली-एनसीआर का बुरा हाल है। इसलिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूसा द्वारा निर्मित 'बायो डीकम्पोजर' का इस्तेमाल करने की सलाह दी है। क्योंकि यह घोल दिल्ली के खेतों में सफल रहा है और बेहद सस्ता भी है।
दिल्ली: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से सुबह सैर करने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। सुबह सैर करने आए एक व्यक्ति ने बताया," प्रदूषण बढ़ने की वजह से सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही है और गले में भी दर्द हो रहा है।" (तस्वारें दिल्ली कैंट से) pic.twitter.com/WBwrshfTw6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 8, 2020
उन्होंने कहा कि इसके असर को देखने के लिए दिल्ली में एक कमेटी बनाई गई है। जो कुछ दिनों में रिपोर्ट बनाकर सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी। जिससे अब कोई भी राज्य पराली जलाने के लिए बहाना नहीं बना पायेगा। दिल्ली अब इस प्रदूषण को झेल रही है। अगले साल से दिल्ली में इतना प्रदूषण नहीं होगा। आपको बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है।
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