Delhi Pollution: बढ़ते प्रदूषण को लेकर गोपाल राय बोले, 11 बिजली संयंत्रों को बंद करने को CPCB को पत्र लिखूंगा

Delhi Pollution: बढ़ते प्रदूषण को लेकर गोपाल राय बोले, 11 बिजली संयंत्रों को बंद करने को CPCB को पत्र लिखूंगा
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राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, लेकिन तब असहाय हो जाती है जब पड़ोसी राज्यों का प्रदूषण शहर की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित कोयले से चलने वाले 11 बिजली संयंत्रों को सात दिन के अंदर बंद करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण को पत्र लिखेंगे।

प्रदूषण को कम करने के लिए हर संभव जरूरी

राय ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए सभी प्रयास कर रही है, लेकिन तब असहाय हो जाती है जब पड़ोसी राज्यों का प्रदूषण शहर की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करता है। दिल्ली-एनसीआर में धुंध पसरने के साथ ही पूरे क्षेत्र में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गई। महानगर में सुबह 11:10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 315 दर्ज किया गया। इस साल इससे पहले हवा की गुणवत्ता का इतना खराब स्तर फरवरी में था।

सात दिनों के भीतर इन बिजली संयंत्रों को बंद करने की जरूरत

मंत्री ने कहा कि मैं सीपीसीबी और पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण को एक पत्र लिखने जा रहा हूं, जिसमें उन्हें स्थिति में सुधार होने तक सात दिनों के भीतर इन बिजली संयंत्रों को बंद करने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी इन बिजली संयंत्रों को बंद करने के बजाय नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने के लिए उन्हें विस्तार देने पर विचार कर रहे हैं। 11 बिजली संयंत्र सल्फर डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने के लिए फ्लू-गैस निर्गंधकीकरण (डीसल्फराईजेशन) इकाई लगाने की दो समय सीमा चूक चुके हैं।

सीपीसीबी ने उत्सर्जन मानकों को पूरा करने के लिए पहले दिसंबर 2017 की समयसीमा निर्धारित की थी। बाद में इसे दो साल बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दिया गया था। राय ने कहा कि सीपीसीबी ने हाल में कहा है कि अगर बिजली संयंत्र 18 लाख रुपये प्रति माह का जुर्माना दें तो वे अपना संचालन जारी रख सकते हैं। वे कैसे इन्हें चलाने की इजाजत दे सकते हैं ? आप लोगों की जिंदगी से कितना खेलेंगे?

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