Delhi Pollution: देशभर के प्रदूषित शहरों में दिल्ली 5वें स्थान पर, CSE की रिपोर्ट से मिली जानकारी

Delhi Pollution दिल्ली समेत देशभर के ज्यादातर शहर प्रदूषित (Polluted) पाए गए है। वहीं दिल्ली का प्रदूषण से बुरा हाल है। इस कड़ी में दिल्ली देशभर में 5वें स्थान पर सबसे प्रदूषित शहरों की श्रेणी में आ गई है। वहीं मध्य प्रदेश का मैसूर शहर की हवा सबसे स्वच्छ पाई गई है और सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला शहर गाजियाबाद रहा। ठंड के दौरान देश में चार शहरों सतना, मैसूर, विजयपुरा और चिक्कमगलुरू प्रदूषण के तय मानकों पर खरे उतरे हैं। मध्य प्रदेश के सतना और मेहर के साथ कर्नाटक का मैसूर देश के सबसे साफ शहर रहे।
आपको बता दें कि सेंटर फॉर साइंस ऐंड एनवायरमेंट (CSE) ने अपनी रिपोर्ट ने इस बात की जानकारी दी है। इस साल भी सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के ही रहे। 10 में से 8 सबसे प्रदूषित शहर यूपी में है। राजधानी दिल्ली को पांचवां और राजस्थान के भिवाड़ी को दसवें स्थान पर रखा गया है। प्रदूषण से बड़े शहर नहीं बल्कि छोटे शहरों पर काफी प्रभाव पड़ रहा है। इन जगहों पर प्रदूषण के स्रोत में गाड़ियों, उद्योग, पावर प्लांट और वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करने की जरूरत है। सीएसई की अधिकारी राय चौधरी ने बताया कि गर्मियों में लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण में काफी कमी आई थी।
इस सर्दी में दिल्ली समेत 15 शहर ऐसे रहे, जहां प्रदूषण लगभग पिछली सर्दियों जैसा ही रहा। यहां प्रदूषण के स्तर में आठ प्रतिशत से कम का बदलाव आया। इनमें दिल्ली के अलावा फरीदाबाद, वाराणसी, जालंधर, नोएडा, अंबाला, खाना,, पटियाला, अमृतसर, रूपनगर, गाजियाबाद, नारनौल, मुरादाबाद, ग्रेटर नोएडा और कानपुर शामिल हैं। 26 शहर में पिछली सर्दियों की तुलना में प्रदूषण आठ प्रतिशत से अधिक बढ़ गया।
गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता बहुत खराब
दिल्ली से सटे गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और फरीदाबाद में हवा की औसत गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई जबकि नोएडा और गुरुग्राम में यह खराब थी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार, दिल्ली के पास स्थित इन पांच स्थानों की हवा में प्रदूषक पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर भी अधिक रहा। सीपीसीबी के समीर ऐप के अनुसार 24 घंटे का औसत एक्यूआई बुधवार शाम 4 बजे गाजियाबाद में 388, ग्रेटर नोएडा में 342, नोएडा में 292, फरीदाबाद में 312 और गुरुग्राम में 265 था।
सीपीसीबी के अनुसार बहुत खराब श्रेणी के एक्यूआई में लंबे समय तक रहना लोगों के श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बन सकता है, जबकि खराब एक्यूआई में लंबे समय तक रहने से ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
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