Delhi Pollution: दिल्ली को इस साल प्रदूषण से मिल सकती है राहत, पराली जलाने को लेकर पड़ोसी राज्यों को दिए गए ये निर्देश

Delhi Pollution दिल्ली में इस साल प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (Air Quality Management Commission) ने दिल्ली और इसके पड़ोसी राज्यों (Neighboring States) को आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा है कि फसल कटाई के मौसम के पहले वे उपग्रह डेटा (Satellite Data) का उपयोग करके पराली जलाने (Stubble Burning) की घटनाओं के आकलन के लिए इसरो (ISRO) द्वारा विकसित एक मानक प्रोटोकॉल (Standard Protocol) को अपनाना और लागू करना सुनिश्चित करें।
पराली जलाने से रोकने के लिए इसरो से ली जा रही मदद
आयोग के पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने के लिए योजनाओं को तैयार करने और लागू करने का अधिकार है। आयोग ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान को प्रोटोकॉल के आधार पर पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी और रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार हितधारक एजेंसियों से विचार-विमर्श कर समयबद्ध तरीके से व्यापक कार्य योजना विकसित करने के लिए कहा है। आयोग ने पिछले साल दिसंबर में हुई एक बैठक में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ चर्चा में आग की घटनाओं की निगरानी के लिए एनसीआर तथा आसपास के इलाकों में एक मानक कार्यप्रणाली विकसित करने और लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया था।
30 अगस्त तक प्रोटोकॉल लागू करने का आदेश
आयोग ने इन राज्यों को 30 अगस्त तक प्रोटोकॉल लागू करने पर अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने को भी कहा है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच धान की कटाई के मौसम के दौरान पराली जलाने की घटनाएं सामने आती हैं। धान की कटाई के बाद गेहूं और आलू के लिए खेत को कम समय में तैयार करने के वास्ते किसान पराली को जला देते हैं। यह दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण में खतरनाक वृद्धि के मुख्य कारणों में से एक है।
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