Delhi Pollution Update: सीएम अरविंद केजरीवाल ने पड़ोसी राज्यों की सरकारों से की अपील, किसानों और पराली को लेकर कही ये बड़ी बात

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। आलम ये हो गया है कि दिल्ली की हवा में सांसे लेना खतरनाक हो गया है। दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली को माना जा रहा है। दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़कर 40 फीसदी से ज्यादा हो गई है। जिसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके जानकारी दी है।
पड़ोसी राज्य सरकारें पराली जलाने वाले किसानों पर मुक़दमे कर रहीं हैं और उन्हें गिरफ़्तार कर रहीं हैं। मेरी सभी सरकारों से अपील है कि गरीब किसान को सताया ना जाए। पूसा इन्स्टिटूट ने एक घोल बनाया है जिसके छिड़कने से 20 दिन में पराली खाद बन जाती है
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 6, 2020
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य सरकारें पराली जलाने वाले किसानों पर मुक़दमे कर रहीं हैं और उन्हें गिरफ़्तार कर रहीं हैं। मेरी सभी सरकारों से अपील है कि गरीब किसान को सताया ना जाए। उन्होंने आगे कहा कि ने एक घोल बनाया है जिसके छिड़कने से 20 दिन में पराली खाद बन जाती है। हमने इस साल सारी दिल्ली के खेतों में फ़्री में इस घोल का छिड़काव किया। बहुत बढ़िया नतीजे आए। घोल बहुत सस्ता है। इस घोल को आप भी अपने सभी किसानों को मुफ़्त दीजिए, वो कभी पराली नहीं जलाएंगे।
किसान हमारा अन्नदाता है। हमें उसकी इज़्ज़त करनी चाहिए। इससे पहले, दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक हर रोज गंभीर श्रेणी दर्ज हो रहे है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) आनंद विहार में 422, आर.के. पुरम में 407, बवाना में 430 (गंभीर श्रेणी) पर है। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) आईटीओ दिल्ली में 488 (गंभीर श्रेणी), नोएडा सेक्टर 1 में 396 और विकास सदन, गुरुग्राम में 336 (बहुत खराब श्रेणी) पर है।
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