Delhi Pollution Updates: प्रदूषण की धुंध में छुपी राजधानी, CPCB ने एजेंसियों की लगाई फटकार

Delhi Pollution Updates: प्रदूषण की धुंध में छुपी राजधानी, CPCB ने एजेंसियों की लगाई फटकार
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Delhi Pollution Updates: राजधानी सटे (एनसीआर) में वाणु गुणवत्ता ‘बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है और बृहस्पतिवार को एनसीआर में ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब पाई गई। इस मामले में गाजियाबाद दूसरे नंबर पर तथा फरीदाबाद तीसरे नंबर पर रहा।

राजधानी दिल्ली में कड़ाके की ठंड के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। सुबह के समय ठंड से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि आज सुबह घना कोहरा छाया दिखा। कोहरा छाए रहने की वजह से विज़िबिलिटी (दृश्यता) कम हो गई है। कुछ ऐसी ही तस्वीरें दिल्ली के हर इलाके से देखने को मिली। दिल्ली के कश्मीरी गेट एरिया में सबसे ज्यादा कोहरा दिखाई दिया। वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से विज़िबिलिटी काफी कम हो गई है। एक व्यक्ति ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण निरंतर बढ़ता जा रहा है, पर्यावरण मंत्रालय को प्रदूषण के लिए सख़्त होना होगा।

राजधानी सटे (एनसीआर) में वाणु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है और बृहस्पतिवार को एनसीआर में ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब पाई गई। इस मामले में गाजियाबाद दूसरे नंबर पर तथा फरीदाबाद तीसरे नंबर पर रहा। एनसीआर में बृहस्पतिवार को बुधवार की अपेक्षा प्रदूषण का स्तर मामूली रूप से कम हुआ है। प्रदूषण सूचकांक ऐप 'समीर' के अनुसार, बृहस्पतिवार को गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 341, बुलंदशहर में 384, दिल्ली में 299, नोएडा में 332, बागपत में 266, ग्रेटर नोएडा में 398, हापुड़ में 130, फरीदाबाद में 341, गुरुग्राम में 248, आगरा में 368, बल्लभगढ़ में 319, भिवानी में 143 और मेरठ में 266 दर्ज किया गया।

सूचकांक के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण फैलाने वाले तथा नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ प्रदूषण विभाग कार्रवाई कर रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदूषण फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करके उनसे बुधवार को एक लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा है कि दिल्ली मेट्रो और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग समेत आठ संस्थाओं ने दिल्ली-एनसीआर में अपने निर्माण स्थलों पर धूल को नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय नहीं किये। बोर्ड ने इन एजेंसियों के प्रमुखों से धूल प्रदूषण नियंत्रण के दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा है।

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