Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण से हवा के साथ लोगों की हालत हो रही खराब, पराली जलाने की संख्या में वृद्धि, जानें आज का AQI

Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण से हवा के साथ लोगों की हालत हो रही खराब, पराली जलाने की संख्या में वृद्धि, जानें आज का AQI
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Delhi Air Pollution: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने शहर के प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान जताया है। पराली जलाने की 1,230 घटनाएं हुईं जो इस मौसम में एक दिन में पराली जलाने की अब तक कि सबसे ज्यादा घटनाएं हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का कहर जारी है। वहीं लोगों को सांस और अन्य प्रकार की बीमारियों से भी दो-चार होना पड़ रहा है। दिल्ली में आज सुबह वायु गुणवत्ता खराब होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में धुंध की परत छाई हुई दिखीं। दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार आईटीओ क्षेत्र में पीएम 10 का स्तर 240 और पीएम 2.5 का स्तर 184 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता बात करे तो सोमवार सुबह 'खराब' श्रेणी में दर्ज की गई, हालांकि हवा की अनुकूल गति के कारण प्रदूषण के स्तर में मामूली कमी आई है।

प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली ने शहर के प्रदूषण में पराली जलने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान जताया है। केन्द्र सरकार की एजेंसी ने बताया कि रविवार को पराली जलाने की 1,230 घटनाएं हुईं जो इस मौसम में एक दिन में पराली जलाने की अब तक कि सबसे ज्यादा घटनाएं हैं। दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषक कणों में पराली जलाने की हिस्सेदारी रविवार को 17 फीसदी थी। शनिवार को यह 19 फीसदी थी, शुक्रवार को 18 फीसदी, बुधवार को करीब एक फीसदी और मंगलवार, सोमवार और रविवार को करीब तीन फीसदी थी। दिल्ली में सोमवार सुबह पौने नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 232 दर्ज किया गया।

हर कारक से निपटने के लिए लगातार प्रयास की जरूरत

इससे पहले, रविवार को केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि प्रदूषण की समस्या का एक दिन में समाधान नहीं किया जा सकता है और हर कारक से निपटने के लिए लगातार प्रयास की जरूरत है। फेसबुक लाइव कार्यक्रम में लोगों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में वायु प्रदूषण के बड़े कारक यातायात, उद्योग, कचरा, धूल, पराली आदि हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा था कि दिल्ली में पिछले साल की तुलना में इस साल सितम्बर के बाद से प्रदूषकों के व्यापक स्तर पर छितराव के लिये मौसमी दशाएं 'अत्यधिक प्रतिकूल' रही हैं।

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