Delhi Riot: हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में एक युवक को दी जमानत

दिल्ली में उत्तर-पूर्वी हिंसा को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने एक युवक को जमानत दे दी है। क्योंकि हाईकोर्ट ने कहा कि इस युवक के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है वहीं दिल्ली पुलिस भी उसके हिंसा में शामिल होने का प्रणाम नहीं दे सकी। हाईकोर्ट ने कहा कि जांच रिपोर्ट से पता चलता है कि पुलिस को बाएं पैरे में गोली लगने से हुए जख्म का इलाज किया गया, जबकि दिल्ली पुलिस की एफआईआर में किसी दूसरे पैर का विवरण दिया गया।
पीठ ने कहा कि पुलिस घटना के समय उसका कॉल डिटेल रिकॉर्ड स्थान साबित नहीं कर पाई। युवक को एक पुलिस को लगी गोली के मामले में 20 हजार के बांड और 20 हजार की मुचलके राशि पर छोड़ा गया है।
Delhi Riot: जामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा की जमानत याचिका खारिज की
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत गिरफ्तार जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा की जमानत याचिका यहां एक अदालत ने खारिज कर दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि मामले में प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों से प्रदर्शन स्थलों पर तन्हा समेत कई आरोपियों की भूमिका का पता चला है। साथ ही, यह भी पता चला है कि किस तरह से हर चीज की साजिश रची गई थी।
अदालत ने दो सितंबर को जारी किये गए अपने आदेश में कहा कि बयानों से साफ पता चलता है कि आरोपी आसिफ तन्हा और अन्य सह आरोपियों ने साजिश के मुताबिक विभिन्न गतिविधियां की। अदालत ने कहा कि वह चक्का जाम किए जाने की साजिश का हिस्सा था, जो दंगों का कारण बना। प्रत्यक्षदर्शियों ने अपने बयानों में उसका नाम मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक के तौर पर लिया है। तन्हा को 19 मई को गिरफ्तार किया गया था और वह 27 मई से न्यायिक हिरासत में है। अदालत ने कहा कि मामले की जांच चल रही है, इसलिए गवाहों के बयानों के विवरण नहीं दिए जा सकते।
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