Delhi Riots: दिल्ली हिंसा में शामिल आरोपी की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कही ये बात

Delhi Riots उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुए सांप्रायदायिक हिंसा में शामिल चार मामलों में एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज हो गई। दिल्ली के एक कोर्ट ने फैसला सुनाते हुये आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि एक चश्मदीद गवाह ने दंगाई भीड़ के कथित सदस्य के रूप में उसकी पहचान की है और आरोपी को सीसीटीवी फुटेज में भी तोड़फोड़ करते देखा गया है। आपको बतां दे कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए और करीब 200 लोग घायल हो गए थे।
करावल नगर इलाके में दंगे से संबंधित मामलों की गई सुनवाई
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने करावल नगर इलाके में दंगे से संबंधित मामलों में प्रवीण गिरि नामक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। अदालत ने 21 दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि चश्मदीद गवाह कल्याण सिंह ने आवेदक (गिरि) की स्पष्ट रूप से 'दंगाई भीड़' के सदस्य के रूप में पहचान की है। इसके अलावा रियाज मलिक की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में भी उसकी पहचान हुयी है।
आरोपी के वकील ने किया ये दावा
अदालत ने कहा कि चूंकि मामलों के गवाह उसी इलाके के निवासी हैं, इसलिए आरोपी द्वारा धमकी देने या डराए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने दावा किया कि उसे मामलों में फंसाया गया है। पुलिस की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक नितिन राय शर्मा ने दावा किया कि आरोपी दंगाई भीड़ का सक्रिय सदस्य था।
जेल अधिकारी ने दी जानकारी
दिल्ली के मंडोली जेल के अधिकारियों ने यहां एक अदालत के समक्ष दावा किया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में एक आरोपी ने सहानुभूति हासिल करने के लिये झूठे और शरारतपूर्ण आरोप लगाए कि जेल अधिकारियों द्वारा उसे बुरी तरह पीटा गया और जेलकर्मियों ने उसके साथ बदसलूकी की। मंडोली जेल के अधीक्षक ने आरोपी तनवीर मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों के जवाब में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार के समक्ष दायर एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
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