Delhi Riots: उमर खालिद की जमानत याचिका पर पुलिस ने जताया कड़ा विरोध, कोर्ट को दिया जवाब

Delhi Riots दिल्ली में पिछले साल हुई हिंसा के मुख्य आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (Umar Khalid) की जमानत याचिका पर कोर्ट (Delhi Court) ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को जवाब दाखिल करने के लिए बोला गया था। इसके बाद पुलिस ने अदालत में अपना जवाब दिया है। इस मामले में पुलिस ने कोर्ट से कहा कि उमर खालिद को बेल देना गलत होगा। दिल्ली पुलिस ने आरोपी खालिद की याचिका को आधारहीन बताते हुए खारिज करने की मांग की है। आपको बता दें कि दिल्ली दंगे में करीब 55 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। करोड़ों रुपये की सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ था। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में कहा कि उमर खालिद के खिलाफ जो केस बनता है। उसे जल्द ही पेश किया जाएगा। इस मामले में कोर्ट उमर खालिद की जमानत याचिका पर 7 अगस्त को सुनवाई करेगा। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा कि दिल्ली हिंसा के आरोपी उमर खालिद को जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
उमर खालिद के खिलाफ नहीं मिले सबूत
इससे पहले, अन्य मामले में अदालत ने दिल्ली दंगों में आरोपी उमर खालिद को जमानत प्रदान कर दी थी। अदालत ने कहा था कि खालिद को मात्र मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन व खालिद सैफी के बयानों के आधार पर आरोपी बनाया गया है, लेकिन ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है कि वह दंगों के षड्यंत्र में शामिल था। वहीं सैफी को जमानत मिल चुकी है ऐसे में वह भी जमानत का हकदार है।कड़कड़डूमा अदालत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने अपने फैसले में अभियोजन पक्ष के उस तर्क को खारिज कर दिया कि आरोपी इन सांप्रदायिक दंगों के गहरे षड्यंत्र में लिप्त था। आरोपी ने असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर दंगों की साजिश रची थी।
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट का किया रुख
वहीं दूसरी तरफ, दिल्ली दंगे से जुड़े एक अन्य मामले की जांच और पुलिस डायरी में नियमों का पालन नहीं करने पर फटकार लगाते हुए कोर्ट ने पुलिस पर 25 हज़ार का जुर्माना लगाया है। जिसे लेकर कड़कड़डूमा कोर्ट के फैसले को दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पुलिस ने कहा कि निचली अदालत ने बिना किसी आधार के टिप्पणी की गई है। ये सही नहीं है और इसे हटा दिया जाए। साथ ही कहा कि उन पर लगा जुर्माना भी हटाया जाना चाहिए। कोर्ट में 14 जुलाई कहा था कि दिल्ली हिंसा की जांच बहुत ही लापरवाही से की गई है और पुलिस डायरी लिखने में नियमों का पालन नहीं किया गया है।
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