Delhi Riots: पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान ने कोर्ट से जमानत का किया अनुरोध, 495 दिनों से तिहाड़ जेल में है बंद

Delhi Riots: पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानने वाले शाहरुख पठान ने कोर्ट से जमानत का किया अनुरोध, 495 दिनों से तिहाड़ जेल में है बंद
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Delhi Riots: आरोपी ने दलील दी कि वह अनुमानों के आधार पर 495 दिनों से तिहाड़ जेल में बंद है। आपको बता दें कि पठान दो मामलों में आरोपी है। पहला मामला हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने का है जबकि दूसरा मामला पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के दौरान रोहित शुक्ला नामक एक व्यक्ति की हत्या का प्रयास है।

Delhi Riots दिल्ली में पिछले साल हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के एक हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान (Shahrukh Pathan) ने आज हत्या के प्रयास के मामले में दिल्ली के एक अदालत (Delhi Court) से जमानत (Bail) का अनुरोध किया है। उन्होंने दलील दी कि वह अनुमानों के आधार पर 495 दिनों से तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद है। आपको बता दें कि पठान दो मामलों में आरोपी है। पहला मामला हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने का है जबकि दूसरा मामला पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा के दौरान रोहित शुक्ला नामक एक व्यक्ति की हत्या का प्रयास है।

अदालत ने जमानत याचिका पर अपना फैसला रखा सुरक्षित

आरोपी ने कोर्ट के जज से कहा कि शुक्ला के बयान में विसंगतियां हैं, जांच में देरी हुयी है और कथित घटना के स्थल पर उसकी मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है। अदालत ने जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। पठान के वकील ने कहा कि इस मामले में पूरी जांच अनुमान पर आधारित है और बिना किसी सबूत के और विरोधाभासी बयानों के बावजूद उसे 495 दिनों से जेल में रखा गया है। उन्होंने अदालत से कहा कि पैर में गोली लगने से घायल शुक्ला पुलिस को दिए अपने पहले बयान में आरोपी की पहचान नहीं कर सका और बाद में पहचाना जो विसंगति को दर्शाता है।

ताहिर हुसैन की जमानत याचिका 18 अगस्त तक टला

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा से संबंधित चार अलग-अलग मामलों में आप पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत याचिका 18 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। ताहिर हुसैन ने दिल्ली हिंसा से संबंधित चार मामलों में अपनी जमानत याचिका दायर की है। जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा कि एक मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड में है और तीन मामलों में दर्ज की गई स्टेटस रिपोर्ट रिकॉर्ड में नहीं है। अदालत ने मामले को आगे की सुनवाई के लिए 18 अगस्त को सूचीबद्ध कर दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस द्वारा दायर अन्य स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाने का निर्देश दिया गया।

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