Delhi Riots: सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार की अपील खारिज की, पढ़ें पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने सीएए के विरोध के दौरान फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुये दंगों से संबंधित मामले में 'पिंजरा तोड़' मुहिम की कार्यकर्ता देवांगना कलिता को जमानत प्रदान करने के खिलाफ दिल्ली सरकार की अपील बुधवार को खारिज कर दी। पीठ ने दिल्ली सरकार की अपील खारिज करते हुए कहा कि प्रभावशाली व्यक्ति होना जमानत खारिज करने का आधार नहीं हो सकता। दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि कलिता बहुत प्रभावशाली व्यक्ति हैं और हाईकोर्ट ने कहा था कि मामले में केवल पुलिस गवाह हैं।
उन्होंने कहा कि मामले में कुछ और गवाह हैं जिन्हें सुरक्षा प्रदान की गयी है। पीठ ने राजू से सवाल किया कि प्रभावशाली व्यक्ति होने के आधार पर क्या जमानत से इनकार किया जा सकता है? पीठ ने एएसजी से पूछा कि वह गवाहों को किस तरह प्रभावित कर सकती हैं। पीठ ने कहा कि वह कलिता को जमानत प्रदान करने के हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करेगी। आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने एक सितंबर को इस मामले में कलिता को जमानत दी थी क्योंकि दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ सबूत पेश नहीं कर पाई थी।
पुलिस की अपराध शाखा ने कलिता और इस समूह की एक अन्य सदस्य नताशा नरवाल को मई महीने में दंगा करने, गैरकानूनी जमावड़ा करने और हत्या के प्रयास के आरोपों में गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा से संबंधित अपराध के एक अलग प्रकरण में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया था। उत्तर पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी को सांप्रदायिक दंगे भड़क गये थे, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मृत्यु हो गयी थी और करीब 200 अन्य जख्मी हुये थे।
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