तिहाड़ जेल में बंद इस आतंकी ने कोर्ट से मांगी अनुमति, कोविड मरीजों का करना चाहता है इलाज

तिहाड़ जेल में बंद इस आतंकी ने कोर्ट से मांगी अनुमति, कोविड मरीजों का करना चाहता है इलाज
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अहमद को 20 अगस्त 2020 को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किया गया था और बेंगलुरु में आतंकवाद के दर्ज मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने उसे हिरासत में लिया था। बाद में इस साल 22 फरवरी को मौजूदा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे हिरासत में लिया।

दिल्ली के तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद अलकायादा के आतंकी (Al Qaeda Terrorist) ने अजीबो गरीब मांग की है। जिससे जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। ये आतंकी पेशे से डॉक्टर है और जेल में ही कोविड मरीजों (Covid Patients) का इलाज करना चाहता है। जिसके लिए दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) से अनुमति मांगी है। वहीं इस संबंध में जेल प्रशासन (Jail administration) का भी सहयोग मांगा है। अलकायदा के इस आतंकी का नाम सबील अहमद (Sabil Ahmed) है। आपको बता दें कि अहमद को 20 अगस्त 2020 को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किया गया था और बेंगलुरु में आतंकवाद के दर्ज मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने उसे हिरासत में लिया था। बाद में इस साल 22 फरवरी को मौजूदा मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे हिरासत में लिया।

आतंकी पर वित्तीय और अन्य मदद मुहैया कराने का आरोप

विशेष न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष बुधवार को दाखिल याचिका में आरोपी सबील अहमद ने कहा है कि चिकित्सा पेशेवर के तौर पर उसके अनुभवों और विशेषज्ञता का लाभ केंद्रीय जेल में कैदियों के उपचार और कोविड-19 के मामलों से निपटने में लिया जा सकता है। आतंकी संगठन अलकायदा इन द इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस) के सदस्य रह चुके अहमद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 22 फरवरी को गिरफ्तार किया था। उस पर भारत और विदेशों में आतंकी संगठन के सदस्यों को कथित तौर पर वित्तीय और अन्य मदद मुहैया कराने का आरोप है।

आतंकी के पास एमबीबीएस डॉक्टर के तौर पर सात साल का अनुभव

अहमद के वकील एम एस खान ने आरोपी को जेल प्रशासन को सहयोग प्रदान करने की अनुमति के लिए जेल अधीक्षक को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया कि यह उल्लेख करना जरूरी होगा कि आरोपी एमबीबीएस डॉक्टर है और उसे गंभीर मरीजों के उपचार का सात साल का अनुभव भी है। याचिका में कहा कि चिकित्सा पेशेवर के तौर पर उसके अनुभव और विशेषज्ञता का लाभ कोविड-19 के मामलों से निपटने और जेल के कैदियों के उपचार में किया जा सकता है। अहमद 30 जून 2007 को ब्रिटेन के ग्लासगो हवाईअड्डे पर फिदायीन हमला मामले में भी आरोपी है।

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