Delhi Unlock 2.0: दिल्ली में सोमवार से खुल सकते हैं बाजार और मेट्रो, जानें क्या है प्लान

Delhi Unlock 2.0 दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे है। जिसके कारण अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पहली अनलॉक प्रक्रिया में निर्माण उद्योग और फैक्ट्रियों को खोला गया। अब बाजारों (Market) और मेट्रो (Metro) संचानन की बात हो रही है। दिल्ली में अनलॉक 2.0 में इन दोनों के खुलने की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार बाजारों को खोलने के लिए कोशिशें कर रही है और इसके लिए सरकार की ओर से एक प्लान भी तैयार किया गया है। अगर दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (DDMA) की मंजूरी मिलती है तो अगले हफ्ते से दिल्ली में बाजारों और मॉल्स को वैकल्पिक दिनों (ऑड-ईवन) फॉर्म्युले के आधार पर खोला जा सकता है। बाजारों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ- साथ डीडीएमए के आदेशों को लागू करवाना होगा और इसके लिए सरकार तैयारियां भी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार चाहती है कि हर बाजार में नियमों को सख्ती से पालन किया जाए। सूत्रों का कहना है कि वीकली बाजार खोलने की अभी मंज़ूरी नहीं मिलेगी।
मेट्रो 50 प्रतिशत की क्षमता से चल सकती है
दिल्ली में इसी हफ्ते से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई है। पहले हफ्ते में फैक्ट्री और निर्माण गातिविधियों को ही इजाजत दी गई थी और अगले चरण में दिल्ली में क्या छूट दी जाती है, इसके बारे में शनिवार को तस्वीर साफ हो सकती है। व्यापारिक संगठनों की मांग है कि बाजारों को जल्द से जल्द खोला जाए क्योंकि लॉकडाउन के कारण उनके कारोबार पर बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया के अगले चरण में सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों में 50 फीसदी स्टाफ को बुलाया जा सकता है। इसके अलावा मेट्रो के भी चलने की संभावना जताई जा रही है। अगर मेट्रो को चलाने का फैसला होता है तो मेट्रो में केवल 50 प्रतिशत सीट की क्षमता के अनुसार ही लोग सफर कर सकेंगे और कोई स्टैंडिंग नहीं होगी।
बाजारों के कामकाज पर सम-विषम प्रणाली लागू न की जाए: व्यापारी
दिल्ली के व्यापारियों ने कहा कि दुकानों और बाजारों को खोलने और कामकाज पर सम-विषम प्रणाली लागू नहीं की जानी चाहिये। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल को लिखे पत्र में कहा कि वे दुकान और बाजार दोबारा खुलने के बाद इनके कामकाज पर सम-विषम प्रणाली लागू करने के पक्ष में नहीं है। परिसंघ ने कहा कि ऐसा करना दिल्ली के व्यापारिक चरित्र के विपरीत होगा, जो सामान की खरीद के लिये बहुत हद तक एक व्यापारी से दूसरे व्यापारी पर निर्भर है। लिहाजा, दिल्ली में सम-विषम फार्मूले का कोई फायदा नहीं है। सीएआईटी के अनुसार दिल्ली में लगभग 15 लाख व्यापारी करीब 40 लाख लोगों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। बीते दो महीनों में दिल्ली के कारोबार को 40 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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