दिल्ली हिंसा : हेड कॉन्सटेबल रतन लाल मर्डर केस में 1100 पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने बताई साजिश

दिल्ली में नागरिक संशोधन कानून के दौरान हुई हिंसा को लेकर पुलिस के एक हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में आज पुलिस चार्जशीट दाखिल कर रही है। ग्यारह सौ पन्नों की चार्जशीट में पुलिस ने बताया कि किस तरह से हिंसा की साजिश रची गई और कैसे हेड कॉन्स्टेबल को निशाना बनाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर रही है। जिसमें 17 लोगों को आरोपी बनाया गया है। वही हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले में करीब 11 सौ पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में बताया गया है कि किस तरह से उपद्रवियों ने पूरी साजिश को रचा।
वहीं 40 से 50 लोगों के एक ग्रुप ने हिंसा से पहले एक मीटिंग की थी। जिसमें हिंसा की पूरी वारदात को कैसे अंजाम देना है इसके साजिश को रचा था। दिल्ली पुलिस ने साजिश में बताया है कि किस तरह से साजिश कर्ताओं ने अपने घरों में बच्चों और बुजुर्गों को रहने की सलाह दी थी और उसके बाद सभी एकजुट होकर सड़कों पर निकल आए थे।
23 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जमकर उपद्रव मचा था। इस दौरान शाहदरा डीसीपी, एसीपी और हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इलाज के दौरान ही हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत हो गई थी।
इस पूरे मामले में करीब चार से पांच साजिशकर्ता शामिल थे। इसके अलावा इस हिंसा के मामले में और हत्या के मामले में पुलिस ने 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनको एसआईटी ने गिरफ्तार किया गया था।
इस मामले में जांच कर रही दिल्ली पुलिस और एसआईटी में हिंसा के दौरान सभी सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल की वीडियो फुटेज, कॉल डिटेल्स और मौके पर मौजूद रहे चश्मदीदों के बयान दर्ज किए थे। वहीं इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 60 गवाहों को तैयार किया है।
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