दिल्ली हिंसा : हाईकोर्ट ने पूर्व पार्षद इशरत जहां की याचिका खारिज की

दिल्ली हिंसा : हाईकोर्ट ने पूर्व पार्षद इशरत जहां की याचिका खारिज की
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हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है। याचिका में जांच पूरी करने के लिए 60 दिन का और वक्त देने के आदेश को चुनौती दी गई थी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में साम्प्रदायिक हिंसा से संबंधित एक मामले में कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है। याचिका में जांच पूरी करने के लिए 60 दिन का और वक्त देने के आदेश को चुनौती दी गई थी। जहां पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत मामला दर्ज है। बता दें कि इशरत जहां को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें मामले में जांच पूरी करने के लिए 90 दिनों की अवधि के अतिरिक्त दो और महीने का वक्त दिया गया।

दिल्ली पुलिस ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया कि जहां तक मामले में जांच की अवधि बढ़ाने के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के फैसले का संबंध है तो हाईकोर्ट को मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के 15 जून के आदेश को चुनौती देने वाली जहां की याचिका पर 20 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

निचली अदालत ने पुलिस को जहां तथा कार्यकर्ता खालिद सैफी के खिलाफ जांच पूरी करने के लिए 60 दिनों का और वक्त दिया था। गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को साम्प्रदायिक दंगे भड़क उठे थे जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे।

हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों से कहा, सुरक्षा वाले कैदियों को टीवी मुहैया कराने पर करें विचार

हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों से कहा कि कैदियों के लिए तिहाड़ के उच्च सुरक्षा वार्ड के बाहर टेलिविजन लगाने पर विचार किया जाये। हाईकोर्ट का कहना है कि यह एक 'छोटा' आग्रह है जिससे उनका बजट प्रभावित नहीं होगा। ये लोग कोई बड़ी चीज नहीं मांग रहे हैं। कोई कीमती सामान नहीं मांग रहे हैं जिससे जेल का बजट प्रभावित होगा।

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