Delhi Water Supply: दिल्ली में जल्द ही हर घर में 24 घंटे मिलेगा पानी, सरकार की इस योजना से लोगों की कम होगी परेशानी

Delhi Water Supply: दिल्ली में जल्द ही हर घर में 24 घंटे मिलेगा पानी, सरकार की इस योजना से लोगों की कम होगी परेशानी
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दिल्ली में औसतन प्रत्येक घर को हर दिन करीब चार घंटे पानी की आपूर्ति होती है। दिल्ली जल बोर्ड हर दिन करीब 935 मिलियन गैलन पानी की आपूर्ति करता है,जबकि मांग 1,140 एमजीडी की है। अनुमान के मुताबिक दिल्ली के पास मार्च 2025 तक 1,305 एमजीडी पानी होगा।

दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने 2024 तक चौबीसों घंटे पानी की आपूर्ति करने की योजना (Plan Ready For Supply) बना ली है। इसके तहत राजधानी को तीन मंडलों में विभाजित किया गया है। इससे दिल्लीवासियों को पानी की आपूर्ति 24 घंटे की जाएगी। इस परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी की 77 प्रतिशत आबादी को पानी की आपूर्ति की जाएगी। मालवीय नगर, वसंत विहार और नांगलोई इलाकों में चौबीसों घंटे पानी की आपूर्ति के लिए तीन प्रायोगिक परियोजनाओं के तहत 12 प्रतिशत आबादी को पानी की आपूर्ति की जाती है। पूरी योजना को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है पूर्व और उत्तरपूर्व मंडल, दक्षिण और दक्षिणपश्चिम मंडल और पश्चिम तथा उत्तरपश्चिम मंडल।

प्रत्येक जोन के लिए एक ठेकेदार नियुक्त किया जाएगा

वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधन संयंत्रों के कमांड इलाकों में चलायी जा रही चौबीसों घंटे पानी आपूर्ति परियोजनाओं के तहत करीब 11 प्रतिशत आबादी आएगी। प्रत्येक जोन के लिए एक ठेकेदार नियुक्त किया जाएगा और उसे संबंधित इलाका सौंपने के पांच वर्षों के भीतर आवश्यक ढांचा निर्मित करने के लिए पुनर्वास और निर्माण कार्य पूरा करना होगा। इसके बाद ठेकेदार 15 वर्षों तक अपने इलाके में पानी आपूर्ति और सीवेज प्रणाली का प्रबंधन करेगा। अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने ठेकेदारों के चयन के लिए निविदा दस्तावेज तैयार करने के वास्ते एक परामर्शक नियुक्त कर दिया है।

दिल्ली जल बोर्ड की होगी बड़ी जिम्मेदारी

दिल्ली में औसतन प्रत्येक घर को हर दिन करीब चार घंटे पानी की आपूर्ति होती है। दिल्ली जल बोर्ड हर दिन करीब 935 मिलियन गैलन पानी की आपूर्ति करता है,जबकि मांग 1,140 एमजीडी की है। अनुमान के मुताबिक दिल्ली के पास मार्च 2025 तक 1,305 एमजीडी पानी होगा। दिल्ली जल बोर्ड जल शोधन संयंत्रों तथा सीवेज शोधन संयंत्रों और प्राथमिक भूमिगत जलाशयों के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होगा। पानी की चौबीसों घंटे आपूर्ति के क्रियान्वयन के साथ ही सरकार का लक्ष्य गैर राजस्व जल (एनआरडब्ल्यू) को चरणबद्ध तरीके से कम करके 15 प्रतिशत तक लाना है। एनआरडब्ल्यू का मतलब उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले लीक या चोरी हुआ पानी है।

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