क्या नगर निगमों को एकीकृत होने के बाद भी वित्तीय कठिनाइयों का करना पड़ेगा सामना? जानें पूरा मामला

क्या नगर निगमों को एकीकृत होने के बाद भी वित्तीय कठिनाइयों का करना पड़ेगा सामना? जानें पूरा मामला
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लोकसभा (LokSabha) के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों (Municipal Corporations) के एकीकरण संबंधी विधेयक को अब राज्यसभा (Rajya Sabha) ने भी पारित कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह कानून का रूप ले लेगा।

लोकसभा (LokSabha) के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों (Municipal Corporations) के एकीकरण संबंधी विधेयक को अब राज्यसभा (Rajya Sabha) ने भी पारित कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह कानून का रूप ले लेगा। इसके तहत अब दक्षिणी, उत्तरी और पूर्वी निगम एक हो जाएंगे और एकीकृत निगम चलाने की जिम्मेदारी एक अधिकारी को सौंपी जाएगी, जो नियमानुसार चुनाव होने के बाद दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) का नया सदन बनने तक इसका संचालन करेंगे।

निगमों का एकीकरण एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसका कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी ( Aam Aadmi Party) विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस का विरोध इस बात पर रहा है कि शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) के समय दिल्ली की जनता की सुविधा के लिए निगम को तीन भागों में बांटा गया था। वही आम आदमी पार्टी निगमों के एकीकरण के साथ-साथ मुख्य रूप से निगमों के एकीकरण के समय यानी चुनाव से ठीक पहले एकीकरण की प्रक्रिया शुरू करने का विरोध कर रही थी।

बीजेपी ने इन दोनों विरोध प्रदर्शनों को नजरअंदाज करते हुए कहा कि निगमों के तीन हिस्सों में बंटने से दिल्ली की जनता को कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि इससे निगमों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बीजेपी दिल्ली सरकार (Delhi Government) पर निगमों को कम फंड देने का भी आरोप लगाती रही है। अब एकीकृत होने के बाद यह सुनिश्चित किया जाए कि निगम को वित्तीय कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।

जहां एक ओर निगम को पर्याप्त धनराशि मिलनी चाहिए, वहीं ऐसी व्यवस्था भी की जानी चाहिए जिससे वह अपने स्तर पर आय में वृद्धि कर सके। निगम कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों (Retired Employees) को पेंशन के लिए परेशान होना पड़ रहा है, नई व्यवस्था में ऐसी स्थिति बिल्कुल नहीं आनी चाहिए।

साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि निगम सभी विकास कार्यों और जनता से जुड़ी अन्य योजनाओं को तेजी से पूरा करे और नई योजनाएं लाए ताकि दिल्ली के लोगों को उनका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। निगमों के एकीकरण का लाभ सीधे कर्मचारियों और दिल्ली के लोगों को दिखाई देना चाहिए, तभी इस पूरी प्रक्रिया का महत्व है।

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