जातिगत आरक्षण की समाप्ति के लिए भारतीय क्षत्रिय महासभा का जंतर मंतर पर जोरदार प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

जातिगत आरक्षण की समाप्ति के लिए भारतीय क्षत्रिय महासभा का जंतर मंतर पर जोरदार प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन
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अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (All India Kshatriya Mahasabha) की तीसरी राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा (Nationwide Rath Yatra) का समापन शुक्रवार को (यानी आज) दिल्ली के जंतर मंतर पर हुआ।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा (All India Kshatriya Mahasabha) की तीसरी राष्ट्रव्यापी रथ यात्रा (Nationwide Rath Yatra) का समापन शुक्रवार को (यानी आज) दिल्ली के जंतर मंतर पर हुआ। इस दौरान क्षत्रिय महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर तँवर (Thakur Tanwar) की अध्यक्षता में विभिन्न जातियों के प्रतिनिधियों के साथ आज जंतर मंतर पर धरने पर बैठे।

इस मौके पर राष्ट्रीय मंत्री व दिल्ली के पूर्व काउंसलर एवं अखिल भारतीय पंचायत परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ अशोक चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय सिंह परिहार, सुप्रीम कोर्ट के सिनियर एडवोकेट ए पी सिंह, ग्रुप कैप्टन डॉ. जय पाल सिंह चौहान, दामोदर सिंह, ध्यान पाल सिंह अध्यक्ष दिल्ली, ललन सिंह कार्यकारी अध्यक्ष झारखंड, रीना सिंह महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष, एस मोहनराज अध्यक्ष तामिलनाडू, त्रिवेणी जादौन, राजपा के दुष्यंत सिंह, एस रामालिंगम उपाध्यक्ष तामिलनाडू, सी बालाजी अध्यक्ष उत्तर चेन्नई प्रमुख, धर्मपाल सिंह रिठाला, मीडिया सलाहकार बद्री नाथ विसेन, मध्य प्रदेश से रामवीर सिकरवार, अयोध्या पीठाधीश्वर जगतगुरु बाल मुकुंदाचार्य, सुशील सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।

इस दौरान रथयात्रा जातिगत आरक्षण की समाप्ति व आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, सामाजिक समरसता व महापुरुषों के इतिहास के संरक्षण की मांग की। इसी के साथ रथयात्रा का समापन आज गांधी दर्शन सत्याग्रह मंडप पर सुबह 10 बजे से तीन बजे तक एक विशाल जनसभा हुई। इसी बीच उपरोक्त मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष व लोकसभा नेता प्रतिपक्ष को ज्ञापन भी सौंपा।

जिसमें देश के कोने-कोने से विभिन्न जाति व समुदायों के प्रतिनिधि व पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि रथयात्रा जातिगत आरक्षण की समाप्ति व आर्थिक आधार पर आरक्षण की माँग, सामाजिक समरसता व महापुरुषों के इतिहास के संरक्षण की माँग को लेकर गत 9 अगस्त को जम्मू के ऐतिहासिक राजतिलक भवन से प्रारंभ होकर पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों तथा दिल्ली एनसीआर में जन-जागृति पैदा करती हुई महात्मा गांधी समाधि राजघाट (Rajghat) पहुंची थी।

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