Dengue In Delhi: दिल्ली में डेंगू का कहर बढ़ा, एक हफ्ते में 304 नए मामले सामने आए, जानिये लक्षण एवं बचाव

राजधानी दिल्ली में डेंगू कहर बरपा रहा है। पिछले एक सप्ताह में डेंगू के 304 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं साल की बात करें तो अब तक 1876 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि राहत की बात यह है कि आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में अभी तक डेंगू से किसी भी मरीज की मौत की पुष्टि नहीं हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली म्यूनिसपल कारपोरेशन के आंकड़ों पर नजर डालें तो 19 अक्टूबर से अब तक सेंट्रल दिल्ली से 23, सिविल लाइन से 11, करोल बाग से 22, केशवपुरम से 23, नजबगढ़ से 18, नरेला से 19, रोहिणी से 16, साउथ दिल्ली से 22, पश्चिम से 19 समेत अन्य हिस्सों से कुल डेंगू के 208 नए मामले सामने आ चुके हैं।
अन्य एजेंसियां यानी NDMC, Delhi Cantt और Railway और अन्य आंकड़ों को जोड़ा जाए तो 19 अक्टूबर से अब तक डेंगू के नए 304 मरीज मिले हैं। बता दें कि राजधानी में पिछले साल इसी समयावधि में डेंगू के 1280 मामले सामने आए थे, जबकि इसी अवधि के दौरान 2021 में 659, वर्ष 2020 में 359 और 2019 में 329 नए मामले सामने आए थे।
दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में डेंगू के 304 मामले सामने आए।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 25, 2022
इस साल अब तक 1,876 मामले सामने आए हैं और डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है। pic.twitter.com/9tQhNByX45
सरकारी अस्पतालों के बेड हो रहे फुल
राजधानी में डेंगू का प्रकोप बढ़ने से सरकारी अस्पतालों में बेड फुल चल रहे हैं। रोहिणी के रहने वाले रोहित ने बताया कि उनकी बेटी को तीन दिन पहले निजी हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। आर्थिक संकट के चलते उन्होंने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां एक बेड पर तीन बच्चों का एक ही बेड पर इलाज चल रहा है। इसी प्रकार घनश्याम ने बताया कि उनके बेटे को भी डेंगू हुआ है। इस वजह से वो दीवाली तक नहीं मना पाए।
डेंगू के लक्षण
1.तेज बुखार
2. सिर दर्द
3. आंखों में दर्द
4. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
5.थकान
6.जी मिचलाना
7.उल्टी होना
8.त्वचा पर लाल निशान
डेंगू का इलाज
डेंगू के लिए कोई खास दवा या सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। डेंगू प्रभावित मरीजों को सलाह दी जाती है कि उन्हें अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। अत्यधिक गंभीर मामलों में मरीज को इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट देने चाहिए। डेंगू मरीजों को एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवाओं नहीं देनी चाहिए। अगर लगातार बुखार रहता है तो घर पर उपचार न करें और शीघ्र अतिशीघ्र अस्पताल में भर्ती कराएं।
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