डीएमसी की रिपोर्ट में दावा, तीन तलाक के समर्थन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली की अधिकतर मुस्लिम महिलाएं

डीएमसी की रिपोर्ट में दावा, तीन तलाक के समर्थन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली की अधिकतर मुस्लिम महिलाएं
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डीएमसी के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि तीन तलाक का कुछ अज्ञानी पुरुषों ने ही इस्तेमाल किया। यह दर्शाता है कि मुसलमानों में बहुविवाह प्रचलित होने की धारणा गलत है।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आयोग ने यह रिपोर्ट तैयार करने के लिए अपने अध्ययन में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के 30 इलाकों की 600 महिलाओं से बात की। जिनका मानना है कि मुसलमानों में बहुविवाह प्रचलित नहीं होनी चाहिए और समुदाय की अधिकतर महिलाएं तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का समर्थन करती हैं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में दिए अपने एक निर्णय में तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था। डीएमसी के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने गुरुवार को रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि तीन तलाक का कुछ अज्ञानी पुरुषों ने ही इस्तेमाल किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह दर्शाता है कि मुसलमानों में बहुविवाह प्रचलित होने की धारणा गलत है।

अध्ययन में हिस्सा लेने वाली सभी महिलाओं का मानना था कि बहुविवाह गलत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 600 महिलाओें में से किसी का भी बहुविवाह नहीं हुआ था और तलाक का भी कोई मामला सामने नहीं आया। अध्ययन के हिस्से के तौर पर डेवलपमेंट ओरिएंटेड ऑपरेशंस रिसर्च एंड सर्वे (डीओओआरएस) ने जनवरी और फरवरी में महिलाओं से उनके विचार पूछे थे। इनमें से 66.3 प्रतिशत महिलाएं विवाहित थी और इन सभी के एक विवाह हुए थे।

रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक पर दिए निर्णय से अवगत होने के बारे में पूछे जाने पर अध्ययन में शामिल की गई 93 प्रतिशत महिलाओं ने हां में जवाब दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनका मानना है कि अधिकतर महिलाएं जो न्यायालय के निर्णय से अवगत हैं, उन्होंने उसका स्वागत किया। साथ ही, कुछ महिलाओं ने कहा कि इस निर्णय से मुस्लिम महिलाओं को एक नया जीवन मिला है। इसमें कहा गया है कि केवल कुछ ही महिलाओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का चाहे जो भी निर्णय हो, उनकी संस्कृति में जो प्रथा चली आ रही है वह जारी रहेगी।

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