मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने पूर्व CEO रवि नारायण को किया गिरफ्तार, जानें क्या है वजह

को-लोकेशन घोटाले (Co-location scam case) से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण (CEO Ravi Narayan) को गिरफ्तार (arrested) किया है। नारायण पर 2009 से 2017 के बीच एनएसई कर्मचारियों के फोन अवैध रूप से टैप करने का आरोप है। ईडी ने 14 जुलाई को नारायण, पूर्व एनएसई प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे के खिलाफ पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था।
जांच एजेंसी ने रवि नारायण को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया था। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में रवि सहयोग नहीं कर रहे थे और उसके खिलाफ सबूतों के आधार पर उन्हें मंगलवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया था। तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि नारायण 1994 और 2013 के बीच लगातार कई पदों पर एनएसई से जुड़े रहे। नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च, 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे।
इसके बाद, उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी के बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। आपको बता दें कि ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
इस मामले में जांच एजेंसी ने नई दिल्ली स्थित आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के संतोष पांडे, आनंद नारायण, अरमान पांडे, मनीष मित्तल, नमन चतुर्वेदी (तत्कालीन वरिष्ठ सूचना सुरक्षा विश्लेषक) समेत कई अधिकारियों और निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें इसके अलावा मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे, एनएसई के पूर्व प्रमुख रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण, रवि वाराणसी (तत्कालीन कार्यकारी उप प्रमुख), महेश हल्दीपुर (तत्कालीन मेजर कॉम्प्लेक्स) और कई अज्ञात लोग भी शामिल हैं।
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