ED ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के ठिकानों पर मारा छापा, हर्ष मंदर पहले ही पत्नी के संग जर्मनी हुए रवाना

ED ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी के ठिकानों पर मारा छापा, हर्ष मंदर पहले ही पत्नी के संग जर्मनी हुए रवाना
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ईडी ने गुरुवार को मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर के दिल्ली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। प्रवर्तन निदेशालय ने यह छापेमारी कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित जांच के सिलसिले में डाली है।

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने आज रिटायर्ड आईएएस अफसर एवं सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर (Retired IAS officer Harsh Mander) के नई दिल्ली (New Delhi) स्थित घर व कार्यालय में छापेमारी कार्रवाई की। ईडी द्वारा यह छापा उस वक्त मारा गया है, जब रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर अपनी पत्नी के संग जर्मनी गए हुए हैं। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर किसी वक्त सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के भी करीबी रहे हैं। हर्ष मंदर पूर्व की कांग्रेस नीत सरकार में सलाहकार परिषद के सदस्य भी रहे हैं। साथ ही परिषद की अध्यक्ष स्वयं सोनिया गांधी रही थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईडी द्वारा गुरुवार को सुबह करीब 8 बजे दिल्ली के हर्ष मंदर के वसंत कुंज में स्थित आवास और अधचिनी क्षेत्र स्थित उनके कर्यालय में छापा मारा। वहीं ईडी की टीम ने महरौली में हर्ष मंदर की ओर से संचालित चिल्ड्रेन होम पर भी छापेमारी की गई। जानकारी के अनुसार गुरुवार को तड़के हर्ष मंदर एक फेलोशिप कार्यक्रम के लिए जर्मनी रवाना हुए थे। यह फेलोशिप कार्यक्रम जर्मनी की रॉबर्ट बॉश एकेडमी में होना है।

इस वर्ष जुलाई महीने में नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने दिल्ली उच्च न्यायालय से यह कहा था कि वो मंदर से संबंधित दो चिल्ड्रेन होम पर एक्शन करे। जानकारी के अनुसार वहां प्रबंधन स्तर पर कई कमियां व उल्लंघन का पता लगने पर एनसीपीसीआर द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में यह सिफारिश की थी। इनमें से एक उल्लंघन यह भी था कि बाल गृह में निवास कर रहे बच्चों को दिल्ली में जंतर-मंतर समेत अन्य विभिन्न प्रदर्शन स्थलों तक पर भी ले जाया जाता था।

जानकारी के अनुसार एनसीपीसीआर की ओर से अक्टूबर 2020 में इन बाल गृहों पर रेड भी मारी गई थी। वहीं हर्ष मंदर की ओर से बताया गया था कि छापेमारी यह पता लगाने के लिए की गई थी कि क्या बच्चों ने सीएए विरोधी प्रदर्शनों में भाग तो नहीं लिया। या इन दोनों ही स्थानों पर रोहिंग्या मुस्लिम बच्चों को तो नहीं रखा जा रहा है।

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