मनी लॉन्ड्रिंग में ED ने दिल्ली समेत गुरुग्राम में सत्येंद्र जैन के ठिकानों पर की छापेमारी, ये हैं पूरा मामला

मनी लॉन्ड्रिंग में ED ने दिल्ली समेत गुरुग्राम में सत्येंद्र जैन के ठिकानों पर की छापेमारी, ये हैं पूरा मामला
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीमें लगातार उनके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। वही ईडी सत्येंद्र जैन के साथ-साथ हवाला ऑपरेटर्स के ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीमें लगातार उनके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। वही ईडी सत्येंद्र जैन के साथ-साथ हवाला ऑपरेटर्स के ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सोमवार की सुबह ईडी हरकत में आई और सत्येंद्र जैन के आवास समेत दिल्ली में 6 और गुरुग्राम में 7 जगहों पर छापेमारी की। गौरतलब है कि ईडी ने 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Cases) में सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को गिरफ्तार (Arrested) किया था। जो 9 जून तक ईडी की हिरासत में हैं।

ईडी ने अप्रैल में जैन की 4 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति की थी कुर्क

उन्हें इस साल अप्रैल में ईडी द्वारा अकिंचन डेवलपर्स (Akinchan Developers) नाम की कंपनियों के स्वामित्व वाली 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क करने के बाद गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने अप्रैल में जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी। ईडी के एक अधिकारी ने ने बताया था 'स्वाति जैन, सुशीला जैन और इंदु जैन के स्वामित्व वाली विभिन्न फर्मों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की गई हैं।

कई कंपनियां के खिलाफ की कार्रवाई

अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, पर्यास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड ऐसी कंपनियां थीं जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। ईडी (ED) के अनुसार, जांच में पाया गया कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) एक लोक सेवक थे, उनके स्वामित्व और नियंत्रण वाली कंपनियों को कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को नकद हस्तांतरण के बदले में शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।

ईडी ने अपने बयान में कहा कि इस रकम का इस्तेमाल दिल्ली और उसके आसपास जमीन की सीधी खरीद या कृषि भूमि की खरीद के लिए लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया। जिसके बाद जांच के दौरान पीएमएलए (PMLA) की धारा 5 के तहत आरोपियों और उनकी कंपनियों की जमीन के रूप में 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की गई थी।

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