बुजुर्ग हमला: आज गाजियाबाद पुलिस Twitter इंडिया के एमडी से करेगी पूछताछ, कई पत्रकारों को भी भेजा गया नोटिस

गाजियाबाद के लोनी में मुस्लिम बुजुर्ग पर हमले (Elderly Muslim Attack) को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। वहीं गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) इस मामले की जांच में जुटी हुई है। इस संबंध में मारपीट और वीडियो वायरल (Video Viral) को लेकर ट्विटर इंडिया (Twitter MD) के एमडी को आज लोनी थाने में जांच अधिकारी के सामने पूछताछ में शामिल होकर अपना जवाब देना है। बताया जा रहा है कि मनीष माहेश्वरी आज सुबह 11:30 बजे लोनी बॉर्डर कोतवाली में अपने वकील के साथ हाजिर होंगे। इस दौरान उन्हें पुलिस की ओर से पूछे जाने वाले 11 सवालों के जवाब देने होंगे। मुख्य सवाल भ्रामक वीडियो पर आपत्ति के बावजूद उसे नहीं हटाने को लेकर होगा। इसके अलावा पुलिस ने पत्रकार राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, डॉक्टर शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मस्कुर उस्मानी, सलमान निजामी को भी नोटिस जारी किया। कुछ को घर के पते पर भेजा गया, तो कुछ को ई-मेल के जरिए नोटिस भेजा गया।
उनसे पूछा जाएगा कि जब भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट पर मैनुपुलेटेड का टैग लगा तो इसमें क्यों नहीं। इस भ्रामक वीडियो पर कितने लोगों ने रिपोर्ट की और ट्वीट किया, रिपोर्ट के सापेक्ष ट्विटर ने क्या कार्रवाई की। ट्विटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी से पूछा जाएगा कि किन-किन लोगों ने यह वीडियो ट्विटर के जरिए शेयर किया, वीडियो की ऑथेंटिकेशन को चेक क्यों नहीं किया गया, चेक किया गया तो क्या कार्रवाई की गई, जिन-जिन लोगों ने भ्रामक ट्वीट शेयर किया उसकी लिस्ट उपलब्ध कराई जाए, वीडियो या भ्रामक खबर के लिए ट्विटर का सेक्शन सिस्टम क्या है, वीडियो को मैनिपुलेटेड मीडिया करार क्यों नहीं दिया गया औक वीडियो अपलोड करने वालों के समय और लोकेशन की जानकारी बताई जाए।
लोनी के बुजुर्ग की पिटाई के मामले में पुलिस ने ट्विटर इंडिया के दो अधिकारियों समेत सभी नौ आरोपियों को नोटिस भेजा है। पुलिस ने ट्विटर इंडिया के जिन दो अधिकारियों को नोटिस भेजा है, उनमें- मनीष माहेश्वरी, धर्मेंद्र चतुर शामिल हैं. धर्मेंद्र चतुर ट्विटर इंक के रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर ऑफ इंडिया हैं। पुलिस ने ट्विटर के अधिकारियों से कहा था कि आप 24 जून को सुबह 10:30 बजे पुलिस स्टेशन लोनी बॉर्डर में पर्सनल तौर पर अपना बयान दर्ज करवाएं। इस पत्र को आप नोटिस के तौर पर देखें। अगर आप हाजिर नहीं हुए तो कानून की उचित प्रकिया में प्रतिरोध उत्पन्न करने और जांच को असफल करने का प्रयास माना जाएगा और इसी के तहत आगे एक्शन लिया जाएगा।
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