आर्यन केस में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन की एंट्री, कहा- सोचिए वे शाहरुख खान के बेटे हैं तब... निर्दोष मुसलमानों का क्या होता होगा

आर्यन केस में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन की एंट्री, कहा- सोचिए वे शाहरुख खान के बेटे हैं तब... निर्दोष मुसलमानों का क्या होता होगा
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आर्यन खान (Aryan Khan) को ड्रग मामले में क्लीन चिट (Clean Chit) मिलने के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Islamic Organization Popular Front of India) एंट्री हुई हैं। पीएफआई (PFI) कि ओर से एक प्रतिक्रिया सामने आई हैं।

आर्यन खान (Aryan Khan) को ड्रग मामले में क्लीन चिट (Clean Chit) मिलने के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Islamic Organization Popular Front of India) एंट्री हुई हैं। पीएफआई (PFI) कि ओर से एक प्रतिक्रिया सामने आई हैं। जिसमें कहा गया हैं कि आर्यन खान तो मशहूर अभिनेता शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे हैं। तो जरा सोचिए निर्दोष मुसलमानों कि क्या स्थिति होगी।

उनके साथ क्या-क्या होता होगा। ओर कैसे बर्ताव किया जाता होगा। पीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव अनीस अहमद (Anees Ahmed) ने शुक्रवार को एक ट्वीट किया। अनीस अहमद ने अपने ट्वीट में लिखा कि आर्यन खान तो मशहूर अभिनेता शाहरुख खान के बेटे हैं। तो जरा सोचिए निर्दोष मुसलमानों कि क्या स्थिति होगी। उनके साथ क्या होता होगा।

अनीस ने कहा कहा कि आर्यन खान खुशकिस्मत हैं कि वह शाहरुख खान के बेटे हैं। शाहरुख़ ख़ान बेहतरीन वकील की फीस तो भर सकते थे लेकिन जरा सोचिए कि इन एजेंसियों के शिकार इतने बेकसूर मुसलमानों का क्या हाल होगा। गौरतलब हैं कि इससे पहले शुक्रवार को ही ज्ञानवापी मामले में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन पीएफआई की ओर से भी प्रतिक्रिया दी गई थी।

संगठन की ओर से ज्ञानवापी मस्जिद ( Gyanvapi Masjid) पर किसी भी कार्रवाई का विरोध करने का ऐलान किया गया है। संगठन की ओर से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि कोर्ट को काशी-मथुरा पर याचिका की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

प्रतिबंधित संगठन सिमी के फ्रंटल संगठन पीएफआई ने भी ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि कोर्ट को पूजा अधिनियम 1991 को ध्यान में रखते हुए याचिका को स्वीकार नहीं करना चाहिए।

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