धरना खत्म करने पर बंटे किसान संगठन? टिकैत को दर्शन पाल ने दी सलाह, कही ये बड़ी बात

केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) के कृषि कानूनों (Farmers Movement) को ख़त्म करने के बाद से किसान आंदोलन की एकता पर सवाल उठने लगे है। इसी बीच किसान नेता दर्शन पाल (Farmer Leader Darshan Pal) के बयान से इस अटकल को और बल मिला है। दरअसल दर्शन पाल ने भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Association) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को जिम्मेदारी से बयान देने की सलाह दी थी। दर्शन पाल सिंह ने कहा, राकेश टिकैत को जिम्मेदारी से बयान देने की जरूरत है, ताकि आंदोलन में एकता बनी रहे।
पाल सिंह ने कहा, संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) के लिए सबसे अहम मुद्दा किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे आंदोलन खत्म होने से पहले वापस लेना है। पाल सिंह ने कहा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने भी आज किसानों के साथ बैठक की है। किसान नेता पाल (Darshan Pal) ने कहा कि सरकार को कमेटी बनाने में भी पारदर्शिता रखनी होगी।
पाल ने कहा, हम केंद्र को भेजे जाने वाले 5 नामों पर सहमति बना रहे हैं। 4 दिसंबर तक नामों पर फैसला हो जाएगा। संयुक्त मोर्चे (United Kisan Morcha) में मतभेद के बारे में दर्शन पाल ने कहा, समय आ गया है कि किसान नेताओं को अपने मतभेदों को खत्म करने की जरूरत है। किसान नेताओं को एक बयान देना चाहिए। साथ ही किसान नेताओं को इस मुद्दे पर एकतरफा बयान नहीं देना चाहिए।
पिछले कई दिनों से यूनाइटेड फ्रंट में मतभेद की खबरें निकलकर सामने आ रही हैं। माना जा रहा है कि कुछ नेता पिछले दरवाजे से सरकार से बात कर रहे हैं। इन नेताओं को राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने मंगलवार को चेतावनी भी दी थी। टिकैत ने कहा था, किसान नेता जो पहले घर जाएगा, वह पहले जेल जाएगा।
जब घर में भाई-भाई का विचार नहीं मिलता है, तो यहां भी विचार नहीं मिल रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है? कुछ लोगों को चुनावी बीमारी हो जाती है और मैं कहां से हलफनामा दूं कि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। मेरी जुबान ही मेरा हलफनामा है। मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। वही टिकैत ने कहा कि हमें 5 लोगों की कमेटी बनाने को कहा गया है।
टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा, यहां सब कुछ शांत है, सब कुछ सामान्य है। आज जो भी बैठक होगी, उसमें हमारे प्रतिनिधि जगतार सिंह बाजवा शामिल होंगे, हरियाणा (Haryana) में भी बैठक चल रही है। जब सभी नेता यहां हों, तो बैठक चलनी चाहिए। ऐसा लगता है कि सरकार से कभी भी बातचीत हो सकती है, इसलिए हमें आंकड़े भी तैयार रखने चाहिए।
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