Farmers Protest: किसानों ने पेट्रोल-डीजल की कीमत को लेकर किया प्रदर्शन, केंद्र सरकार से की ये मांग

Farmers Protest नए कृषि कानूनों (FarmLaws) को लेकर केंद्र (Central Government) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस भीषण गर्मी में भी किसान दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) पर डटे हुए है। वहीं, काले कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बनी हुई है। इसबीच ही देश के अन्य मुद्दों पर भी किसान वर्ग सरकार को घेरने में लगा हुआ है। इसी कड़ी में गुरुवार को किसानों ने पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price Hike) की कीमतों में वृद्धि को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। वहीं केंद्र सरकार से मांग की है कि तत्काल प्रभाव से इनके दाम आधे किए जाएं। इस देशव्यापी मुद्दे पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने किसानों से आह्वान किया था कि किसान सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के पर धरना प्रदर्शन करें।
प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण किया प्रदर्शन
किसान नेता लखबीर सिंह ने कहा आज किसानों ने पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों के खिलाफ दो घंटे तक प्रदर्शन किया। हम चाहते हैं कि इनकी कीमतें तत्काल प्रभाव से आधी की जाएं। प्रदर्शनकारी अपने साथ बाइक, कार, ट्रैक्टर और अन्य वाहन लेकर आए थे और जिसे लेकर उन्होंने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। आपको बता दें कि पेट्रोल की कीमत बुधवार को दिल्ली समेत देशभर के कई हिस्सों में 100 रुपये प्रति लीटर के पार हो गई जबकि डीजल की कीमत 89.59 रुपये प्रति लीटर है। एक अन्य किसान ने बताया कि प्रदर्शन सिर्फ दिल्ली बॉर्डर पर ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर हुआ।
किसानों ने मनाया 'हॉर्न बजाओ दिवस'
दिल्ली बॉर्डर पर काले कानूनों का विरोध करने के लिए किसान डटे हुए हैं। किसानों ने आज प्रदर्शन के तौर पर 'हॉर्न बजाओ दिवस' भी मनाया। इस दौरान उन्होंने पांच मिनट तक अपने वाहनों का हॉर्न बजाया। ऐसा करने के पीछे किसानों का कहना है कि नए कृषि क़ानूनों का पिछले सात महीने से लगातार विरोध के बाद भी सरकार उनकी नहीं सुन रही है। देश के सभी किसानों से आह्वान किया गया था कि वे अपने ट्रैक्टर और वाहनों के साथ मुख्य मार्गों और राजमार्गों पर आएं और हॉर्न बजाएं ताकि सरकार हमारे प्रदर्शन का संज्ञान ले।
संसद को घेरने के लिए योजना बना रहे हैं: एसकेएम
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र के काले कानूनों का विरोध कर रहे किसान संसद के मानसून सत्र के दौरान रोजाना वहां प्रदर्शन करने को लेकर योजना बना रहे हैं। हम चाहते हैं विपक्षी दल सुनिश्चित करें कि संसद सत्र के दौरान किसान आंदोलन और उनकी मांगें चर्चा का मुख्य मुद्दा बनें और सरकार पर उन मांगों को मानने का दबाव बने। देश के 40 से ज्यादा किसान संघों के शीर्ष संगठन ने घोषणा की कि 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान करीब 200 किसान रोजाना केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करेंगे। कहा जा रहा है कि प्रत्येक किसान संघ से पांच लोगों को इस प्रदर्शन में शामिल किया जाएगा।
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