Farmers Protest: कोरोना की तीसरी वेव में भी चलेगा आंदोलन, राकेश टिकैत ने 26 जून को लेकर सरकार को दी चेतावनी

Farmers Protest: कोरोना की तीसरी वेव में भी चलेगा आंदोलन, राकेश टिकैत ने 26 जून को लेकर सरकार को दी चेतावनी
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Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना में भी किसानों की मांगें नहीं मान रही है। उन्होंने कहा कि पिछले सात महीने से हमारा आंदोलन चल रहा है, सरकार को शर्म नहीं आती? कोरोना की तीसरी वेव आती है तो भी हम यहीं रहेंगे।

Farmers Protest नए कृषि (New Farm Laws) कानूनों को लेकर केंद्र (Central Government) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन पिछले 7 महीनों जारी है। दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) पर प्रदर्शनकारी गर्मी बारिश और धूप में भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में भी प्रदर्शनकारियों का हौंसला डगमगाया नहीं है। उनका कहना है कि जब तक कानून वापसी नहीं होगा तब तक घर नहीं जाएंगे। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Farmers Leader Rakesh Tikait) ने कहा कि केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना में भी किसानों की मांगें नहीं मान रही है। उन्होंने कहा कि पिछले सात महीने से हमारा आंदोलन चल रहा है, सरकार को शर्म नहीं आती? कोरोना की तीसरी वेव आती है तो भी हम यहीं रहेंगे।

आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। राकेश टिकैत ने कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार को फिर चेतावनी दी। टिकैत ने आज अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि 4 लाख ट्रैक्टर यहीं (दिल्ली के पास) हैं और 25 लाख किसान भी यही हैं। 26 तारीख भी हर महीने आती है तो ये सरकार याद रख ले। इसके साथ ही टिकैत ने बिल वापसी ही घर वापसी हैशटैग इस्तेमाल किया। मालूम हो कि, भाकियू समेत देशभर के कई किसान संगठन किसानों को सरकार के खिलाफ लामबंद करने में लगे हैं।

वे चाहते हैं कि कृषि कानून रद्द हों और एमएसपी वाला कानून लाया जाए। राकेश टिकैत ने किसानों को ट्रैक्टरों के साथ तैयार रहने के लिए कहा है। इससे पहले टिकैत ने विवादास्पद कृषि कानूनों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम जारी किया था। हालांकि, सरकार ने उस पर प्रतिक्रिया नहीं दी। जिसके बाद टिकैत ने आवाह्न करते हुए कहा कि यह सरकार मानने वाली नहीं। इसे इलाज की जरूरत है। किसानों अपने ट्रैक्टरों के साथ तैयार हो जाओ, हमें अपनी जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा।

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