Farmers Protest: किसान बसों के जरिए सिंघु बॉर्डर से पहुंचे जंतर-मंतर, कृषि मंत्री बोले- प्रदर्शनकारियों से बात करने को तैयार, कानूनों में दिक्कत बताएं

Farmers Protest नए कृषि कानूनों (Farmlaws) को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। वहीं 'किसान संसद' (Kisan Sansad) के तहत आज किसान जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में किसान कई जगहों से आएंगे। इस दौरान टिकरी बॉर्डर (Tikri Border) पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। उधर, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) से अन्य किसान नेताओं के साथ सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) के लिए निकल गए हैं। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद लगाएंगे और पंचायत करेंगे।
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किसानों ने पुलिस पर लगाया आरोप
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने के लिए किसान बसों के जरिए सिंघु बॉर्डर से जंतर मंतर पहुंचे है। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने किसानों से नए कृषि क़ानूनों के संदर्भ में बात की है। किसानों को कृषि क़ानूनों के जिस भी प्रावधान मे आपत्ति हैं वे हमें बताए, सरकार आज भी खुले मन से किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है। वहीं सिंघु बॉर्डर से किसान नेता मंजीत सिंह राय ने बताया कि पुलिस जानबूझकर यहां घुमा रही है। ये हमारा समय बर्बाद कर रहे हैं। हमारा रूट पहले से तय था। बसों के जरिए सिंघु बॉर्डर से जंतर मंतर जाना था फिर उतरकर पार्लियामेंट जाना था लेकिन कह रहे हैं कि कॉलोनी से जाए। इतने पुलिस बल की ज़रूरत नहीं थी।
बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने
केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद ने कहा कि मुद्दों, तथ्यों और तर्कों को लेकर किसी भी आंदोलन का स्वागत है लेकिन किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर किस मुद्दे पर कुछ लोग आंदोलन करना दिखा रहे हैं। सरकार ने कहा कि आप आईये जो मुद्दे आपके पास हैं उन पर बात करिए, मुद्दे हैं नहीं। उधर, आज किसानों द्वारा कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ जंतर मंतर पर होने वाले विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम किसानों के मुद्दों को सदन में उठा रहे हैं। किसान हमारी रीढ़ की हड्डी है। किसानों के बिना हम जी नहीं सकते। उस आवाज को उठाना ज़रूरी है और हम उठाएंगे।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ग़ाज़ीपुर बॉर्डर से अन्य किसान नेताओं के साथ सिंघु बॉर्डर के लिए निकल गए हैं। आज जंतर मंतर पर किसानों का नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन है। pic.twitter.com/pZcbf75zju
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2021
यह सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा। हम यहां से सिंघु बॉर्डर जाएंगे और वहां से बसों से जंतर मंतर जाएंगे। जंतर-मंतर पर पंचायत होगी जिसे किसान संसद का नाम दिया गया है। संसद के मानसून सत्र के बीच तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जंतर-मंतर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दिल्ली पुलिस के सूत्र ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान यूनियनों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को इस बारे में एक शपथ-पत्र देने के लिए कहा गया है कि सभी कोविड नियमों का पालन किया जाएगा और आंदोलन शांतिपूर्ण होगा।
दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के बीच तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। pic.twitter.com/GHZQQO81IS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2021
वहीं, एसकेएम ने कहा कि संसद का मॉनसून सत्र यदि 13 अगस्त को समाप्त होगा, तो जंतर-मंतर पर उनका विरोध प्रदर्शन भी अंत तक तक जारी रहेगा। हालांकि उपराज्यपाल ने नौ अगस्त तक प्रदर्शन की अनुमति दी है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, उपराज्यपाल अनिल बैजल, जो डीडीएमए के अध्यक्ष भी हैं, ने बृहस्पतिवार से 9 अगस्त तक हर दिन अधिकतम 200 किसानों द्वारा पूर्वाह्न 11 बजे से शाम पांच बजे तक जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन की मंजूरी दी है।
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