Farmers Protest: किसान आंदोलन ने मारी सेंचुरी, दिल्ली कूच के लिए अमृतसर से हजारों प्रदर्शनकारी हुए रवाना

Farmers Protest: किसान आंदोलन ने मारी सेंचुरी, दिल्ली कूच के लिए अमृतसर से हजारों प्रदर्शनकारी हुए रवाना
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Farmers Protest: किसानों के नेता नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हुए। सभी के संघर्ष को सलाम। जो दिल्ली नहीं आ सकते वह कम से कम सोशल मीडिया पर तो हम किसानों का हौसला बढ़ाते रहें।

Farmers Protest: नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र (Central Govt) के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। आज किसानों के आंदोलन का 100 दिन हो चुके है। वहीं दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) पर किसान अभी भी जमे हुए हैं। हालांकि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों की संख्या कम हो रही थी लेकिन अब किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने सुरक्षा का कड़ा इंतजाम कर रखा है। इसी बीच, कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए हजारों किसान अमृतसर (Amritsar) से दिल्ली (Delhi) के ​लिए रवाना हो रहे हैं।

गर्मियों के मौसम को देखते हुए इस बार किसानों ने ट्रोलियों में पंखे लगाए हैं। उधर, सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गर्मियों के लिए अपनी तैयारी कर ली है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम पिछले 3 महीनों से सिंघु बॉर्डर पर संघर्ष कर रहे हैं और यह लंबा चलेगा। यहां गर्मी के हिसाब से टेंट बनाया गया है, फ्रिज और पंखे भी लगाए गए हैं। किसानों के नेता नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हुए। सभी के संघर्ष को सलाम। जो दिल्ली नहीं आ सकते वह कम से कम सोशल मीडिया पर तो हम किसानों का हौसला बढ़ाते रहें।

जबकि संयुक्त किसान मोर्चा का नया ऐलान किया है कि यूपी, उत्तराखंड के 16 जिलों में ट्रैक्टर मार्च, 6 मार्च को मुजफ्फरनगर के रामराज से शुभारंभ, जिसको राकेश टिकैत दिखाएंगे हरी झंडी। कृषि कानून के विरोध में जन जागरण होगा, 27 मार्च को गाजीपुर में होगा समापन। दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघु बॉर्डर पर अब बांस-बल्लियों के तंबुओं की जगह, स्टील के ढांचे और इनपर तंबू बांधे जाने की क़वायद शुरू हो चुकी है। कई टेंटों में एसी और कूलर लगाने का काम भी ज़ोरों से चल रहा है। सिमरनजीत सिंह, पंजाब के मोगा के रहने वाले हैं और पिछले तीन महीनों से भी ज़्यादा समय से वो सिंघु बॉर्डर पर दूसरे किसानों के साथ मिलकर आंदोलन कर रहे हैं।

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