Farmers Protest: जंतर-मंतर पर आज 'महिला किसान संसद' का आयोजन, राकेश टिकैत ने केंद्र पर साधा निशाना

Farmers Protest: जंतर-मंतर पर आज महिला किसान संसद का आयोजन, राकेश टिकैत ने केंद्र पर साधा निशाना
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Farmers Protest: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज और 9 अगस्त को महिला संसद चलेगी। 200 महिलाएं आज किसान संसद चलाएंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द काले कानूनों को रद्द करें ताकि किसान अपने घर वापसी जा सके। पुलिस प्रशासन ने भी पूरे इलाके में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कर रखी है।

Farmers Protest दिल्ली के बॉर्डरों (Delhi Border) से संसद से महज दो किलो मीटर की दूरी पर स्थित जंतर मंतर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। आज किसानों के आंदोलन के आठ महीने पूरे होने की खुशी में जंतर-मंतर पर महिला किसान संसद (Mahila Kisan Sansad) का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान कई पार्टियों के बड़े नेता यहां शिरकत कर रहे है। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि आज और 9 अगस्त को महिला संसद चलेगी। 200 महिलाएं आज किसान संसद चलाएंगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार (Central Government) जल्द से जल्द काले कानूनों को रद्द करें ताकि किसान अपने घर वापसी जा सके। पुलिस प्रशासन (Delhi Police) ने भी पूरे इलाके में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था कर रखी है।

आज महिलाएं इस आंदोलन को आगे बढ़ाएगी

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने घोषणा की कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के आठ महीने पूरे होने के अवसर पर महिलाएं सोमवार को जंतर-मंतर पर 'किसान संसद' का आयोजन करेंगी। एसकेएम ने कहा कि जंतर-मंतर पर किसान संसद का आयोजन पूरी तरह से महिलाओं द्वारा किया जाएगा। महिला किसान संसद भारतीय कृषि में महिलाओं की भूमिका को प्रतिबिंबित करेगा और साथ ही उनकी इस आंदोलन में अहम भूमिका को भी रेखांकित करेगा। महिला किसानों का काफिला विभिन्न जिलों से महिला किसान संसद के लिए मोर्चों पर पहुंच रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने के बाद 22 जुलाई से ही जंतर-मंतर पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है।

आंदोलन के आठ महीने पूरे, लाखों किसान हुए शामिल

एसकेएम ने दावा किया कि गत आठ महीने से जारी आंदोलन में विभिन्न राज्यों के लाखों किसान शामिल हो चुके हैं। बयान में कहा गया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण है और हमारे अन्नदाताओं के सदियों पुराने स्वभाव को प्रतिबिंबित करते हैं। वे उनकी दृढ़ता और कृतसंकल्प को दिखाते हैं, जो मुश्किल दौर के बाद भी बनी हुई है और भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता एवं उम्मीद को प्रतिबिंबित करती है। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को ट्रैक्टर चलाकर संसद भवन पहुंचे। राहुल गांधी जो ट्रैक्टर चला रहे थे। उस पर उनके साथ राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा और पार्टी के कुछ अन्य सदस्य बैठे थे। इस ट्रैक्टर के आगे एक बैनर भी लगा था जिस पर किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानून वापस लो-वापस लो' लिखा हुआ था।

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